संजय पाठक चुनाव लड़ेंगे या नहीं! इंतजार खत्म, आज आएगा जनता का फैसला
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MP Election 2023: मध्य प्रदेश के कटनी (Katni) जिले की विजयराघवगढ़ विधानसभा (Vijayraghavgarh Vidhansabha) पर आज सबकी निगाहें टिकी हुई हैं. आज यहां स्थानीय विधायक संजय पाठक (Sanjay Pathak) द्वारा जनमत कराया गया था. जिसका परिणाम आज जनता के सामने पेश किया जाएगा. इस जनमत के रिजल्ट में अगर पाठक को 50 प्रतिशत से अधिक वोट मिलते हैं तो ही वे विधानसभा चुनाव(MP Election) के मैदान में उतरेंगे. चुनाव के पहले कराए जा रहे चुनाव को जनादेश नाम दिया गया है. परिणाम के साथ ही बीजेपी के कद्दावर नेता और प्रदेश के सबसे रईस विधायक संजय पाठक के राजनीतिक भविष्य का फैसला भी सामने आएगा. इस पूरे चुनाव की मीडिया कवरेज के लिए राजधानी भोपाल (Bhopal) से चार्टेट प्लेन के जरिए विजयराघगढ़ विधानसभा तक ले जाया गया है.
दरअसल विजयराघवगढ़ के विधायक और पूर्व राज्य मंत्री संजय पाठक अपने विधानसभा क्षेत्र में जनता के बीच अपनी लोकप्रियता का मूल्यांकन करा रहे हैं. जिसके लिए उन्होंने विधानसभा चुनाव के पहले ही चुनाव कराकर वोटिंग कराने का रास्ता अख्तियार किया है. जनादेश के रूप में हो रहे चुनाव से वे यह तय करना चाहते हैं, कि वो चुनाव लडे अथवा न लड़े.
50 प्रतिशत से कम वोट मिले तो नहीं लड़ेंगे चुनाव- पाठक
विधायक संजय पाठक ने पहले ही ऐलान कर दिया है, कि 50 फीसदी से एक वोट भी कम मिलने पर वो चुनाव नहीं लड़ेंगे. जनादेश लिए मतदान की प्रक्रिया सोमवार से गुरुवार तक चलाई गई है. निर्वाचन आयोग की तर्ज पर विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र के 280 मतदान केंद्रों के साथ ही गांव-गांव में मतदाताओं से वोटिंग कराई गई हैं. क्षेत्र में करीब 2 लाख 33 हजार मतदाता हैं, हालांकि कितने फीसदी मतदान हुआ यह स्पष्ट नहीं हो सका है.
चार दिन चली वोटिंग के बाद आज परिणाम का दिन
चार दिन तक चली वोटिंग प्रक्रिया के बाद आज सुबह 9 बजे से वोटो की गिनती का दौर शुरू हो चुका है. देर शाम तक परिणाम घोषित किया जाएगा. जनादेश के परिणाम के साथ ही विधायक संजय पाठक के आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने अथवा न लड़ने को लेकर संशय दूर हो सकेगा. जनादेश के परिणाम से संजय पाठक के राजनीतिक भविष्य से तो पर्दा उठ जायेगा, लेकिन चुनाव के पूर्व विधायक के द्वारा कराए गए चुनाव से नई बहस के साथ ही एक नए रिवाज का जन्म हो गया है. जो आने वाले समय में राजनीतिक दलों के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर सकता है. बहरहाल निर्वाचन आयोग के द्वारा कराए जाने वाले चुनाव और व्यक्ति विशेष के द्वारा कराए गए चुनाव में निष्पक्षता और पारदर्शिता का बड़ा फेर है.
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कौन हैं संजय पाठक?
साल 2008 के विधानसभा चुनाव में पहली बार संजय पाठक कांग्रेस के टिकट पर ही निर्वाचित होकर विधायक बने थे. 2013 के विधानसभा चुनाव में भी वे कांग्रेस के ही टिकट पर चुनाव जीते, 31 मार्च 2014 को वे कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए. संजय पाठक राज्य के सबसे अमीर विधायक हैं और विजयराघवगढ़ से उन्होंने लगातार चार चुनाव जीते हैं. वो 2016 से 2018 तक शिवराज सिंह चौहान की सरकार में मंत्री भी थे. 2020 में बीजेपी को सAll Postsत्ता में बापिस लाने वालें सूत्रधारों में संजय पाठक को गिना जाता है.
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