लाड़ली बहना योजना पर CM मोहन यादव ने क्यों साधी है चुप्पी, अगली 10 तारीख को क्या होगा
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Ladli Bahana Yojana: मध्यप्रदेश के नए सीएम मोहन यादव ने शपथ लेने के बाद कुछ निर्णय किए, जिनमें धार्मिक स्थलों पर लाउड स्पीकर के उपयोग पर प्रतिबंध और खुले में मांस की बिक्री पर रोक लगाने के आदेश जारी किए. लेकिन पूरा मध्यप्रदेश उनसे जानना चाहता था कि वे लाड़ली बहना योजना पर क्या निर्णय ले रहे हैं. लेकिन बीती शाम हुई प्रेस वार्ता में पत्रकार ये सवाल पूछते रहे गए लेकिन नए सीएम मोहन यादव ने लाड़ली बहना योजना को लेकर कुछ नहीं बोला और एक रहस्यमयी चुप्पी लाड़ली बहना योजना को लेकर नए सीएम मोहन यादव ने ओढ़ ली है.
लाड़ली बहना योजना को लेकर सीएम मोहन यादव पहले दिन से ही कुछ भी स्पष्ट नहीं कर रहे हैं. एमपी तक से चर्चा में उन्होंने कहा था कि इस योजना को चलाना है या नहीं, इसे बाद में देखेंगे. फिर दोबारा मीडिया को दिए इंटरव्यू में बोले कि सभी पुरानी लोकप्रिय योजनाओं को चलाया जाएगा, जिसमें लाड़ली बहना योजना भी है. लेकिन जब सीएम के रूप में लिए गए शुरूआती निर्णयों की जानकारी देने मोहन यादव प्रेस के सामने आए तो उसमें से लाड़ली बहना योजना का नाम गायब था.
ऐसे में अब गंभीर सवाल यहां उठ रहे हैं कि क्या मध्यप्रदेश की नई भाजपा सरकार लाड़ली बहना योजना जैसी स्कीम, जिसमें हर महीने की 10 तारीख को पात्र महिलाओं को 1250 रुपए दिए जा रहे थे, उसे लेकर अपना रुख बदल रही है. क्या लाड़ली बहना योजना के कारण मध्यप्रदेश सरकार के बजट पर जो हजारों करोड़ का बोझ बढ़ रहा है, नई सरकार उस बोझ को उठाने से बचना चाहती है.
आपको बता दें कि पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने लाड़ली बहना योजना स्कीम लाँच की थी, जिसमें उन्होंने वादा किया था कि सभी बहनों को हर महीने पहले 1000, फिर 1250 रुपए और उसके बाद यह राशि बढ़ाकर 3 हजार रुपए प्रति महीना करने का वादा किया गया था. जून महीने में पहली बार 10 तारीख को महिलाओं के खाते में एक हजार रुपए आए थे और एक महीने बाद यह राशि बढ़कर 1250 रुपए प्रति महीना आने लगी थी, जिसे शिवराज सिंह चौहान ने चुनाव जीतने पर बढ़ाकर 3000 रुपए महीना तक पहुंचाने का वादा किया था लेकिन वो वादा पूरा करते, उससे पहले ही बीजेपी ने शिवराज सिंह चौहान की विदाई कर दी.
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अब 10 तारीख को राशि आएगी या नहीं, कुछ भी स्पष्ट नहीं
चूंकि योजना अभी चालू है और अभी तक हर महीने सवा करोड़ महिलाओं के खाते में 1250 रुपए की धनराशि आ रही थी. लेकिन जिस तरह का रवैया नए सीएम मोहन यादव का दिखाई दे रहा है, उससे संदेह पैदा होने लगे हैं कि अब अगली 10 तारीख को क्या होगा. क्या 10 तारीख को इस बार यह धनराशि नहीं आएगी और यदि आती है तो कितनी आएगी. अभी इसे लेकर सरकार का रुख साफ नहीं है. फिलहाल तो राशि आना दूर की बात है, ये योजना संचालित रहेगी या नहीं, इसे लेकर भी नई सरकार ने कुछ भी स्पष्ट नहीं किया है.
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लाड़ली बहना योजना को नहीं देना चाहती बीजेपी जीत का श्रेय?
चुनाव परिणाम सामने आने के बाद से ही बीजेपी के दिग्गज नेताओं ने ऐसे बयान दिए, जिससे जाहिर हुआ कि बीजेपी मध्यप्रदेश में मिली बंपर जीत का श्रेय लाड़ली बहना योजना को नहीं देना चाहती है. कैलाश विजयवर्गीय जैसे दिग्गज नेता ने तो यहां तक कह दिया था कि क्या लाड़ली बहना योजना राजस्थान और छत्तीसगढ़ में थी. अगर वहां लाड़ली बहना योजना नहीं थी तो भी बीजेपी की सरकार बनी है तो इसका मतलब है कि यह जीत पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे और उनकी गारंटी पर मिल रही है न कि किसी लाड़ली बहना योजना की दम पर.
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जाहिर है कि बीजेपी का इतना सीनियर लीडर बिना वजह ही अपनी ही सरकार की किसी योजना को इतना छोट करके नहीं दिखाएगा. इसके पीछे बीजेपी की आंतरिक राजनीति है, जिसके कारण इस वक्त लाड़ली बहना योजना स्कीम पर बंद होने के बादल मंडराते हुए दिख रहे हैं.
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