राजपूतों को साधने के लिए महाराणा प्रताप की शरण में CM शिवराज, बोले- हम इतिहास बदल देंगे

एमपी तक

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CM शिवराज ने भोपाल में किया महाराणा प्रताप स्मारक का भूमिपूजन, बोले- हम इतिहास बदल देंगे
CM शिवराज ने भोपाल में किया महाराणा प्रताप स्मारक का भूमिपूजन, बोले- हम इतिहास बदल देंगे
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Maharana Pratap Memorial in Bhopal: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुनाव से पहले राजपूतों को साधने के लिए बड़ा दांव चलते हुए  गुरुवार (28 सितंबर) को राजधानी भोपाल के स्मार्ट सिटी पार्क में ‘महाराणा प्रताप स्मारक’ का भूमिपूजन किया. स्मारक का मॉडल भी जारी किया. CM शिवराज ने कहा, ‘हमें गलत इतिहास पढ़ाया गया. अकबर महान हो गए. महाराणा प्रताप की सही जीवनी भी नहीं पढ़ाई. हम इतिहास बदल देंगे. जो सही है, वो आने वाली पीढ़ियों के सामने लाएंगे. सरकार का काम सिर्फ स्कूल, अस्पताल, पुल, पुलिया बनाना नहीं, सही इतिहास पढ़ाना भी है.’

इसके साथ ही CM ने छतरपुर जिले के मऊ सहानिया में बुंदेलखंड केसरी महाराजा छत्रसाल के समाधि स्थल पर छत्रसाल लोक बनाने का ऐलान किया. सीएम ने कहा- “भारत भूमि के वीर योद्धा, महाराणा प्रताप और छत्रसाल बुंदेला के, भव्य स्मारक का निर्माण होगा. उन्होंने ये भी कहा कि कुम्भलगढ़ दुर्ग से प्रभावित होगी महाराणा प्रताप की प्रतिमा.”

हल्दी-घाटी जैसा कोई युद्ध हुआ होगा?

सीएम शिवराज ने कहा- ’30 हजार की सेना का मुकाबला 3000 से, मुगल उनके नाम से कांपते थे, अकबर की सेना को घुटनों पर ला दिया था और उनकी मां ने उनको बचपन से शिक्षा दी थी कि बेटा कभी निहत्थे शत्रु पर वार मत करो, अगर निहत्था हो तो पहले तलवार दो फिर ललकारो और यही वजह थी कि महाराणा प्रताप 72 किलोग्राम का कवच पहनते थे, अपना तो वजन ही 72 किलो नहीं है. 72 किलो का कवच और 80 किलो का भाला और दो-दो तलवारें लेकर उतरते थे रण में, दो-दो तलवारें. और दो तलवार इसलिए कि अगर शत्रु निहत्था हो जाए तो एक तलवार उसके हाथ में थमा दी जाए.’

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‘ऐसे वीर कई महावीर कहीं देखें हैं और उनकी सेना भेल सरदार पुंजा, आलामन, रामसात कंवर, उनके पुत्र भामा शाह, उनके लिए प्राणों को दांव पर लगाकर लड़े और महाराणा प्रताप थे जिन्होंने छापामार युद्ध भी शुरू किया और लोक नायक बन गए उन्होंने कहा था घांस-फूंस की रोटी खा लूंगा लेकिन मेवाड़ की स्वाधीनता से समझौता नहीं करूंगा.’

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शिवराज जो कहते हैं, वो करते हैं: तोमर

केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश चुनाव कैम्पेन कमेटी के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, “हमारे मुख्यमंत्री की दूरदृष्टि का परिणाम है कि हम लोग महाराणा प्रताप स्मारक के शिलान्यास समारोह के साक्षी बन पा रहे हैं. उज्जैन में महाकाल लोक, ओंकारेश्वर में आदिगुरु शंकराचार्य लोक, ओरछा में श्रीराम राजा लोक, सीहोर के सलकनपुर में मैया का लोक. एक के बाद एक सांस्कृतिक अभ्युदय के कार्यक्रम शिवराज सिंह चौहान की लीडरशिप में हुए. जब फिल्म पद्मावती को लेकर आंदोलन हुआ तो शिवराज ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाया. लोगों के बिना मांग किए ही भोपाल में महारानी पद्मावती का स्मारक बनाने की बात कही. यह वही नेता हैं, जो कहते हैं, करते हैं.”

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भव्य होगा महाराणा प्रताप स्मारक …

CM शिवराज ने बताया कि महाराणा प्रताप स्मारक की संरचना कुम्भलगढ़ दुर्ग से प्रेरित होगी.

-महाराणा प्रताप की भव्य प्रतिमा लगाई जाएगी.
-बप्पा रावल, महाराणा कुंभा, महाराणा सांगा, महाराणा उदय सिंह और दूसरे वीरों के जीवन चरित्र की प्रदर्शनी लगेगी.
-महाराणा के जीवन पर 20 मिनट की फिल्म प्रदर्शन के लिए इंटरप्रेटेशन सेंटर बनाया जाएगा.
-मेवाड़ और महाराणा प्रताप के जीवन की घटनाओं और कलाकृति प्रदर्शन करने के लिए गैलरी बनेगी.
-लैंडस्कैप एरिया में खुली गैलरी के जरिए प्रताप के वन में व्यतीत किए गए कालखंड को दर्शाया जाएगा.
-2000 लोगों के बैठने के लिए मंच होगा। लाइट एंड शो होगा. कैफेटेरिया और दूसरी फैसिलिटीज भी होंगी.

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