‘CM साहब, डिंडोरी SP मेरा रिश्तेदार इनको डालो लूप लाइन में’.. नेता प्रतिपक्ष ने क्यों की ये डिमांड
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![‘CM साहब, डिंडोरी SP मेरा रिश्तेदार इनको डालो लूप लाइन में’.. नेता प्रतिपक्ष ने क्यों की ये डिमांड Umang Singhar, Leader of Opposition, MP Congress, MP Politics, CM Mohan Yadav Government](https://akm-img-a-in.tosshub.com/lingo/mptak/images/story/202312/e0a489e0a4aee0a482e0a498-e0a4b8e0a4bfe0a482e0a498e0a4bee0a4b0-1222-768x432.png?size=948:533)
Umang Singhar: मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता उमंग सिंघार की एक पोस्ट जमकर वायरल हो रही है. उमंग सिंघार ने सीएम मोहन यादव को संबोधित करते हुए एक्स पर की गई अपनी पोस्ट में लिखा है कि सीएम उनके एक रिश्तेदार को लूप लाइन में डाल दें. ये रिश्तेदार हैं डिंडोरी जिले के एसपी अखिल पटेल जो नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के करीबी रिश्तेदार हैं. लेकिन ऐसी डिमांड उमंग सिंघार ने क्यों की, इसे जानने के लिए उमंग सिंघार की पूरी पोस्ट देखना होगी.
दरअसल कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया कि नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार लगातार सीएम मोहन यादव के फैसलो की तारीफ कर रहे हैं. इसी क्रम में सीएम मोहन यादव ने जिस तरह से कुछ जिलों के कलेक्टर-एसपी बदले हैं, उमंग सिंघार ने इस निर्णय पर भी अपनी प्रसन्नता जताई है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया कि डिंडोरी एसपी जिन अखिल पटेल को बनाया गया है, वह उमंग सिंघार के रिश्तेदार हैं और शायद इस वजह से वे सीएम मोहन यादव के फैसलों की तारीफ कर रहे हैं.
इस तरह की खबरें सामने आने के बाद उमंग सिंघार ने नाराजगी भरा पोस्ट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपलोड किया. जिसमें उन्होंने तंज कसते हुए लिखा कि सीएम मोहन यादव को पता नहीं होगा कि हाल ही में डिंडोरी एसपी बने अखिल पटेल उनके करीबी रिश्तेदार हैं और ऐसे में निष्पक्षता के बने रहने के लिए जरूरी है कि उनको पुलिस मुख्यालय में लूप लाइन में अटैच कर दिया जाए, जिससे भ्रामक खबरें मीडिया में ना आएं.
उमंग सिंघार की इस पोस्ट की हो रही है चर्चा
उमंग सिंघार ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि ‘माननीय मुख्यमंत्री जी, नवनियुक्त डिंडोरी पुलिस अधीक्षक मेरे रिश्तेदार हैं शायद यह जानकारी आपको भी नहीं होगी लेकिन मीडिया में आयी ख़बरों से लग रहा है कि हाल ही में हुए इस स्थानांतरण आदेश का कुछ ग़लत अर्थ निकाला जा रहा है, कौन अधिकारी कहाँ पदस्थ हो यह आपका विवेकाधीन अधिकार है, परंतु मेरा निवेदन है कि यह आदेश निरस्त कर उन्हें पुलिस मुख्यालय लूप-लाइन में ही रखा जाये, ताकि प्रदेश की जनता के सामने भ्रम की स्थिति ना रहे एवं एक ज़िम्मेदार पुलिस अधिकारी की छवि भी ख़राब ना हो’.
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