निशा बांगरे पहुंचीं CM शिवराज के क्षेत्र बुधनी, मुख्यमंत्री को उन्हीं के गढ़ में कर दिया चैलेंज
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Deputy Collector Nisha Bangre: मध्य प्रदेश के आमला की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे अपने इस्तीफे की मांग को लेकर सीएम निवास भोपाल तक पैदल न्याय पद यात्रा निकाल रही हैं. निशा बांगरे की न्याय यात्रा आज (6 अक्टूबर) सीएम शिवराज के गढ़ और उनके विधानसभा क्षेत्र बुधनी पहुंच गई, जहां कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया. निशा बांगरे हाथ में संविधान और गीता लेकर न्याय यात्रा निकाल रही हैं, वह भोपाल सीएम निवास तक जाएगी, उन्होंने कहा कि हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो आमरण अनशन करेगी.
डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे न्याय यात्रा निकाल रही है. बुधवार को न्याय यात्रा नर्मदापुरम पहुंची, यहां से होती हुई न्याय यात्रा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र में पहुंची, अब वह भोपाल सीएम निवास तक जाएगी. निशा बांगरे ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि एक तरफ तो महिलाओं को आरक्षण देने की बात की जा रही, दूसरी तरफ पढ़ी-लिखी महिला राजनीति में आना चाह रही तो उसे रोका जा रहा है. मैं खुद कह रही हूं मुझे विधानसभा चुनाव लड़ना है, मुझे षड्यंत्र करके रोका जा रहा है.
सीएम के गांव जाएंगे और लोगों को बताएंगे मामा की हकीकत
मीडिया से चर्चा करते हुए निशा बांगरे ने बताया यह अन्याय के खिलाफ लड़ाई है. हम मुख्यमंत्री के गांव जैत होते हुए भोपाल जाएंगे, वहां लोगों को बताएंगे कि किस तरह शिवराज मामा अपनी भांजी के साथ अन्याय कर रहे हैं. इस अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए हम सड़क पर उतर चुके हैं. वहीं इस्तीफा मंजूर होने के बाद बैतूल की आमला सीट से चुनाव लड़ने का मन बना चुकी हैं. उन्होंने कहा कि मुझे चुनाव लड़ना है. अन्याय अत्याचार के खिलाफ लड़ाई लड़नी है, हमें सड़क पर उतरने के लिए हमारे प्यारे मामा जी ने मजबूर किया है.
मुझे चुनाव लड़ने से षड्यंत्र करके रोका जा रहा है: निशा
इससे पहले, निशा बांगरे की न्याय पैदल यात्रा आज नर्मदापुरम पहुंची. यहां उन्होंने बाबा भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और राम जी बाबा समाधि स्थल व सेठानी घाट पर मां नर्मदा की पूजा-अर्चना की. इसके बाद यात्रा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की विधानसभा क्षेत्र बुधनी के लिए रवाना हुई.
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3 महीने हो चुके नौकरी छोड़े, लेकिन इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया
निशा बांगरे ने कहा की मुझे त्यागपत्र दिए हुए 3 महीने हो चुके हैं. मुझे अपने सर्वधर्म कार्यक्रम में उपस्थित होने की अनुमति नहीं दी गई. त्यागपत्र देकर मैं खुद कह रही हूं, मुझे विधानसभा चुनाव लड़ना है. एक तरफ तो महिलाओं को आरक्षण देने की बात की जा रही है. वहीं, दूसरी ओर पढ़ी-लिखी महिला राजनीति में आना चाह रही है तो उसे षड्यंत्र करके रोका जा रहा है. महिलाओं के साथ अन्याय हो रहे हैं. हमें न्याय के लिए आमला से चलकर भोपाल तक जाना पड़ रहा है यह महिलाओं के अन्याय के खिलाफ न्याय यात्रा है.
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पढ़ी-लिखी महिला मजबूर है तो आम की क्या स्थिति होगी
निशा बांगरे ने कहा कि किसी महिला को रोका जाना और कार्रवाई करना इसलिए की सर्वधर्म की विचारधारा को नहीं मानते हैं. यह संविधान के साथ अन्याय है. हम सड़क पर उतरने को मजबूर हैं आज पढ़ी-लिखी महिला मजबूर है तो आम महिला की क्या स्थिति पूरे प्रदेश में होगी.
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नर्मदा से आशीर्वाद मांगा है, सीएम मामा को मिले सद्बुद्धि
सीएम मामा से न्याय के लिए 200 से 250 किलोमीटर पैदल यात्रा कर उनके पास जाना पढ़ रहा है. तब उन्हें न्याय मिलेगा बहुत ही पीड़ा की बात है. आज मां नर्मदा से आशीर्वाद मांगा है, सीएम मामा को उनकी लाड़ली बहना उनकी भांजी को न्याय देने के लिए सद्बुद्धि मिले.
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