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रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा पर फिर भड़के दिग्विजय सिंह, बताया क्यों हैं भाजपा के सबसे बड़े दुश्मन?

पंकज शर्मा

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Politics On Ram Mandir: अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा (Pran Pratishtha) को लेकर सियासत गरमाई हुई है. पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने एक बार फिर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर सवाल उठाते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं. दिग्विजय सिंह ने कटाक्ष करते हुए सवाल किया कि ये धार्मिक आयोजन था या राजनीतिक? उन्होंने पीएम मोदी (PM Modi) को यजवान बनाए जाने और प्राण-प्रतिष्ठा के मौके पर दिवाली मनाने पर भी सवाल खड़े किए. दिग्विजय सिंह ने ये भी खुलासा किया कि वे भाजपा से सबसे बड़े दुश्मन क्यों हैं.

दिग्विजय सिंह ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि मोदी जी ने कोविड में कहा था ताली-घंटी बजाओ, क्या इससे खत्म हो गया था? उन्होंने आगे कहा कि भगवान राम रावण को फतह करके आए थे उस दिन दीवाली मनाई जाती है, इन्होंने कहा कि 22 तारीख को दीपावली बनाओ, घर-घर दीए जलाओ. क्या मोदी जी के कहने से दीपावली की तिथि बदल दें? क्या रामनवमी की तिथि 22 जनवरी कर दें? क्या मोदी जी को शंकराचार्य की पीठ के बराबर बिठा दें? यह चाहते हैं.

दिग्विजय सिंह ने बताया क्यों हैं भाजपा के दुश्मन

दिग्विजय सिंह ने कहा कि जिन लोगों का मंदिर आश्रम-मठ है वो सचेत हो जाओ. यह तुम्हारे आश्रम-मठ-मंदिर पर कब्जा करना चाहते हैं. जिससे इनको चारोत्री मिलेगी उस चारोत्री से यह राजनीति करेंगे. पुजारी सावधान हो जाओ, मंदिरों में अपने प्रचारक को बिठाएंगे, वहां से भाजपा का प्रचार करेंगे. उन्होंने कहा कि इसलिए दिग्विजय सिंह उनके सबसे बड़े दुश्मन हैं, क्योंकि यह उनकी सारी चाल समझता है इनकी पोल खोलता है.

प्राण प्रतिष्ठा धार्मिक आयोजन था या राजनीतिक?

दिग्विजय सिंह ने पोस्ट करते हुए सवाल किया कि क्या अयोध्या जी में रामलला मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा धार्मिक आयोजन था या राजनीतिक? उन्होंने सवाल किया कि ये क्या ये हमारे सनातन धर्म शास्त्र के अनुसार था या नहीं था? मैं मेरे हिन्दू धर्म प्रेमियों से पूछना चाहता हूँ क्या उन्होंने कोई भी निर्माणाधीन मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होते हुए देखी है या सुनी है? पीएम मोदी पर तंज कसते हुए दिग्विजय सिंह ने सवाल किया कि क्या यजमान बिना पत्नी के बैठता है?

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मंदिर बनने के बाद जाएंगे अयोध्या

दिग्विजय सिंह ने राजगढ़ में प्रेस वार्ता के दौरान जवाब देते हुए कहा कि भगवान राम हमारे हृदय में विराजमान हैं, हमारे मध्य प्रदेश में रामराजा ओरछा में विराजे हैं. शंकराचार्य जी ने कहा निर्माणाधीन मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा नहीं होती, मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा, उसके बाद हम मंदिर के दर्शन करने जाएंगे.दिग्विजय सिंह ने कहा कि अयोध्या में कई कांग्रेस के नेता प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हुए थे, उसमें हमारा विरोध नहीं थ, हमारा विरोध राम जी के मंदिर राम लला के दर्शन से नहीं था, हमारा विरोध था जो भाजपाई कारण कर दिया गया था उससे. मैं आपसे पूछता हूं मंदिर का निर्माण पूरा नहीं हुआ, उसमें आपने कहीं प्राण प्रतिष्ठा होते हुए देखी क्या?

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