लोकसभा का टिकट मिलने के बाद महाकाल दरबार में हेमामालिनी, PM मोदी पर कही ये बड़ी बात
फिल्म अभिनेत्री एवं यूपी के मथुरा से सांसद हेमामालिनी टिकट मिलने के बाद सीधे महाकाल के दरबार पहुंचीं. जहां पुजारियों ने उनके लिए खास पूजा कराई.
ADVERTISEMENT
Ujjain News: फिल्म अभिनेत्री एवं यूपी के मथुरा से सांसद हेमा मालिनी टिकट मिलने के बाद सीधे महाकाल के दरबार पहुंचीं. जहां पुजारियों ने खास पूजा कराई. इसके बाद उन्होंने इस्कॉन मंदिर पहुंचकर भगवान के दर्शन किये और इस्कॉन के संस्थापक महाप्रभु जी को नमन किया.
दो बार से सांसद हेमा मालिनी ने कहा, "पीएम मोदी ने मुझे फिर से मौका दिया है. मैं उनका आभार जताती हूं. उन्होंने यहां पर अबकी बार 400 पार का नारा भी लगाया." जिसके बाद हेमामालिनी ने विक्रमोत्सव में भारतीय ऋषि वैज्ञानिक परंपरा पर केन्द्रित प्रदर्शनी आर्ष भारत का उद्धाटन किया. अभिनेत्री हेमामालिनी बीती शाम उज्जैन पहुंची थीं.
हेमा मालिनी विक्रमोत्सव 2024 के चलते कार्यक्रम में शिव दुर्गा नृत्य नाटिका की प्रस्तुति देगीं. कार्यक्रम के दौरान उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि बाबा महाकाल की पावन नगरी में आई हूं. यहां मेरा शाम को कार्यक्रम है. इस्कॉन के उज्जैन के राधा मदन मंदिर आई हूं. इस्कॉन से मेरा काफी पुराना नाता से रहा है, भगवान कृष्ण की सेवा करने का मौका मुझे मिला है. एक बार फिर ब्रज से ये मौका मुझे मिला है.
400 पार का लगाया नारा
हेमा मालिनी ने कहा- "लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 400 पार का नारा लगाया है. प्रधानमंत्री जी चाहते है तो होगा. क्योंकि उन्होंने पूरे देश के लिए हर क्षेत्र में इतना विकास किया है. जिसकी वजह से हम 400 पार जरूर होंगे. मैं भी मथुरा के सांसद के रूप में भाग ले रही हूं."
ADVERTISEMENT
यह भी पढ़ें...
ऋषि वैज्ञानिकों की मूल्यवान परंपरा
विक्रमादित्य शोध पीठ से से संस्था के निर्देशक श्रीराम तिवारी ने कहा कि विक्रमोत्सव का सार तत्व ये प्रदर्शनियां हैं. यह जो आर्ष भारत प्रदर्शनी है, ये भारत वर्ष के ऋषि वैज्ञानिकों की अत्यंत मूल्यवान परंपरा रही है. वैज्ञानिक योगदान को लेकर उसपर यह प्रदर्शनी है. देश की पहली प्रदर्शनी है. पिछली बार 40 चित्र थे. इस बार 111 चित्र है. 111 देश का सारे महत्वपूर्ण ऋषि है.
करीब 250 ऋषियों पर हम काम कर रहै है. हमने एक पुस्तक भी छापी है. दूसरी प्रदर्शन श्री कृष्ण और उनके दूसरे पक्ष को लेकर देश की पहली प्रदर्शनी है. इसको भी परिचित कर्रवाई है. तीसरी प्रदर्शनी विक्रम कालीन मुद्रण है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT