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नेपाल राजघराने की राजकुमारी से कैसे मिले थे माधवराव सिंधिया? जानें माधवी राजे की जिंदगी की अनसुनी कहानी

एमपी तक

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 Madhavi Raje
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Rajmata Madhavi Raje Scindia: ग्वालियर रियासत की राजमाता माधवी राजे सिंधिया का बुधवार सुबह निधन हो गया. माधवी राजे सिंधिया 70 साल की थीं और वे लंबे समय से बीमार चल रही थीं. उनका इलाज दिल्ली के एम्स (AIIMS) में चल रहा था. सुबह  9.28 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. राजमाता स्व. माधवी राजे सिंधिया के पुत्र और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर पहुंच रहे हैं जहां राजमाता का अंतिम संस्कार परंपरागत छत्री में मराठा रीति-रिवाजों से किया जाएगा.

राजमाता माधवी राजे सिंधिया मूल रूप से मराठा नहीं थीं. वे नेपाल राजघराने की राजकुमारी थीं.  उनके दादा शमशेर जंग बहादुर राणा नेपाल के प्रधानमंत्री रह चुके हैं. कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे स्व. माधव राव सिंधिया के साथ उनके विवाह से पूर्व उनका नाम प्रिंसेस किरण राज्यलक्ष्मी देवी था. 1966 में माधवराव सिंधिया के साथ उनका विवाह हुआ हुआ था. जिसके बाद मराठा रिवाज के अनुसार उनका नाम बदलकर माधवी राजे सिंधिया हो गया था.

स्व. माधवी राजे सिंधिया का स्व. माधव राव सिंधिया के साथ मिलने का किस्सा भी बड़ा दिलचस्प है. माधवी राजे सिंधिया बेहद खूबसूरत राजकुमारी थीं. जब उनके विवाह की चर्चा ग्वालियर रियासत के राजकुमार माधव राव सिंधिया से होने की सामने आईं तो दोनों ही एक दूसरे को देखना चाहते थे. खासतौर पर माधव राव सिंधिया ने शादी से पूर्व माधवी राजे सिंधिया को देखने का इच्छा भी जाहिर की थी लेकिन पुरानी मान्यताओं की वजह से यह संभव नहीं हो सका और आखिरकार जब विवाह हुआ, तब पहली बार माधव राव सिंधिया ने अपनी पत्नी माधवी राजे सिंधिया को देखा.

सिंधिया घराने के जो लोग नजदीक रहे हैं, वे बताते हैं कि माधव राव सिंधिया अपनी पत्नी माधवी राजे सिंधिया को बहुत चाहते थे. जब उनको पहली बार उन्होंने विवाह के वक्त देखा तो वे बस उनको देखते ही रह गए थे. बेहद खूबसूरत माधवी राजे सिंधिया भी माधव राव सिंधिया के आकर्षक व्यक्तित्व से बहुत प्रभावित हुई थीं. सिंधिया राजघराने में इसे एक आदर्श जोड़ी के रूप में भी याद किया जाता है.

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राजमाता विजया राजे सिंधिया के निधन के बाद घराने की जिम्मेदारी संभाल रही थीं माधवी राजे

राजमाता विजया राजे सिंधिया का निधन 25 जनवरी 2001 में हो गया था. इसके बाद ग्वालियर राजघराने की जिम्मेदारी राजमाता के रूप में माधवी राजे सिंधिया के कंधों पर आ गई थी. इसके बाद स्व. माधवी राजे सिंधिया ने परिवार और राजघराने की राजमाता के तौर पर अपने दायित्वों का निर्वहन किया. इसके साथ ही परिवार को एक सूत्र में बांधे रखने में भी उन्होंने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनके निधन पर शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री रहीं और स्व. माधव राव सिंधिया की सबसे छोटी बहन यशोधरा राजे सिंधिया ने गहरा दुख भी जताया है. परिवार के बीच स्व. माधवी राजे सिंधिया एक धुरी का काम करती थीं, जो सबको एक दूसरे से जोड़े रखती थीं.

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