mptak
Search Icon

रानी लक्ष्मीबाई का साथ सिंधिया परिवार ने कैसे दिया था, इस इंटरव्यू में गद्दारी के आरोपों पर खुलकर बोले ज्योतिरादित्य

एमपी तक

ADVERTISEMENT

Union Minister Jyotiraditya M Scindia inaugurated India's first green hydrogen project in the stainless steel sector in Hisar, Haryana, in collaboration with Jindal Stainless Ltd and Hygenco.
Union Minister Jyotiraditya M Scindia inaugurated India's first green hydrogen project in the stainless steel sector in Hisar, Haryana, in collaboration with Jindal Stainless Ltd and Hygenco.
social share
google news

Jyotiraditya Scindia: ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एमपी तक के सहयोगी चैनल द लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू में कई बड़े खुलासे किए हैं. सिंधिया का कहना है कि जो लोग रानी लक्ष्मीबाई का साथ नहीं देने के आरोप सिंधिया परिवार पर लगाते हैं उन्होंने इतिहास नहीं पढ़ा है. सिंधिया बताते हैं कि ये वो लोग हैं जो अपनी सुविधानुसार सिंधिया परिवार पर कीचड़ उछालते हैं.

केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने इस इंटरव्यू में बताया कि जयराम रमेश जो इस समय राहुल गांधी के रणनीतिकार बने हुए हैं, वे खुद उनके स्व.पिता माधवराव सिंधिया और खुद उनकी बहुत तारीफ करते थे और बहुत कुछ उनके बारे में कहते थे लेकिन आज चूंकि वे कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आ गए हैं तो वही जयराम रमेश आज सिंधिया को लेकर बहुत कुछ निगेटिव बाते कर रहे हैं.

सिंधिया बताते हैं कि ऐसा बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में हुआ है. लेकिन ये सब लोग इसलिए ऐसा बाेलते हैं, क्योंकि इनको इतिहास की जानकारी नहीं है. सिंधिया ने बताया कि झांसी की रानी लक्ष्मीबाई मराठा थीं और एक मराठा दूसरे मराठा के लिए जान तक दे देता है. रानी लक्ष्मीबाई का साथ देने की वजह से ही अंग्रेजों ने उनके पूर्वज जयाजी राव सिंधिया को हाउस अरेस्ट करा दिया था.

अंग्रेजों और अहमद शाह अब्दाली के खिलाफ लड़ने का इतिहास रहा है सिंधिया परिवार का- ज्योतिरादित्य

सिंधिया ने बताया कि रानी लक्ष्मीबाई की मदद जयाजी राव सिंधिया ने की थी लेकिन अंग्रेजों ने उनको घर में कैद कर दिया था. पूरे ग्वालियर का लश्कर और किला अंग्रेजों के कब्जे में आ गया था. पानीपन की तीसरी लड़ाई में अहमद शाह अब्दाली के खिलाफ जंग में उनके कई पूर्वज शहीद हो गए थे. जनकोजी राव सिंधिया के तो 50 टुकड़े किए गए थे. सिर्फ महादजी सिंधिया बचे थे, वह भी बुरी तरह से घायल होकर और लगभग निशक्त होकर. ये है सिंधिया परिवार का इतिहास. इस इतिहास को नहीं जानने वाले लोग ही सिंधिया परिवार पर गद्दार और न जाने-जाने कैसे आरोप लगाते हैं. लेकिन उनको पहले इतिहास पढ़ना चाहिए, तब कुछ बोलना चाहिए.

यह भी पढ़ें...

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT