शिवराज सिंह चौहान ने क्यों कहा- मैं मुख्यमंत्री पद का दावेदार नहीं, क्या हैं इसके मायने? जानें
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Shivraj Singh Chauhan: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणामों ने जिस तरह से पूरे प्रदेश को चौंकाया और बीजेपी की बंपर जीत को दिखाया, ठीक उसी तरह से इस समय मध्यप्रदेश में एक सवाल सभी को चौंका रहा है और वो है क्या शिवराज सिंह चौहान अगले मुख्यमंत्री बनेंगे या नहीं. लोग हैरान है कि ये सवाल उठ ही क्यों रहा है. जिन शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता और लाड़ली बहना योजना की बदौलत बीजेपी ने मध्यप्रदेश में बंपर सीटों के साथ अपनी वापसी की, उन शिवराज सिंह चौहान को लेकर बीजेपी का आलाकमान तेजी से फैसला क्यों नहीं ले पा रहा है.
इस बीच खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने एक बयान जारी कर कहा है कि वो मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नहीं है. न वे पहले कभी सीएम फेस की दौड़ में थे और न ही अब वे सीएम बनने की दौड़ में खड़े है. उन्होंने कहा, “मैं मुख्यमंत्री का दावेदार न तो पहले कभी रहा और न आज हूं. मैं एक कार्यकर्ता के नाते बीजेपी मुझे जो भी काम देगी उस काम को समर्पित भाव से अपनी क्षमता के अनुसार करता रहूंगा प्रदेश की जनता का एक बार फिर से आभार.”
अब दूसरा सवाल यहां ये खड़ा हो जाता है कि आखिरकार सीएम शिवराज सिंह चौहान को ये बोलने की जरूरत ही क्यों पड़ रही है कि वो सीएम पद की दौड़ में नहीं है. इन सवालों के ही पीछे छिपी है मध्यप्रदेश बीजेपी के अंदर की वो राजनीति, जिसमें सीएम बनने को लेकर बहुत कुछ चल रहा है.
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दरअसल मध्यप्रदेश बीजेपी के अंदर एक साल पहले से ही सीएम शिवराज सिंह चौहान को साइडलाइन करने की कोशिशें शुरू हो गई थीं. इसकी एक झलक बीजेपी की चुनाव कैंपेनिंग के दौरान भी देखने को मिली थी. मध्यप्रदेश में इस समय शिवराज सिंह चौहान के अलावा, कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल, ज्योतिरादित्य सिंधिया, वीडी शर्मा, सत्यनारायण जटिया और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के नाम सीएम उम्मीदवारों के तौर पर चल रहे हैं.
लेकिन बीजेपी आलाकमान इस पर सस्पेंस बनाए हुए हैं. दिल्ली में संसद भवन के बाहर पत्रकारों से अनौपचारिक चर्चा में गृहमंत्री अमित शाह ने ये जरूर बोला कि इस सप्ताह सीएम के नाम का ऐलान हो सकता है लेकिन उन्होंने सीएम कौन बनेगा, इस धुंध को हटाने की कोशिश नहीं की, बल्कि मुस्कुराकर इस धुंध को और अधिक बढ़ा दिया है.
कैलाश विजयवर्गीय खुलकर आ गए हैं मैदान में
सबसे चौंकाने वाला बयान कैलाश विजयवर्गीय की ओर से आया है. सिंधिया हों, नरेंद्र सिंह तोमर हाें या फिर प्रहलाद पटेल हों ये सभी भी खुद को सीएम पद की दौड़ से बता रहे हैं. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी अब ये बात बोल दी है कि वे भी सीएम पद की दौड़ में नहीं है लेकिन कैलाश विजयवर्गीय ने जो बोला है, वो गौर करने वाली बात है.
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कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर में बीते दिन पत्रकारों से बात करते हुए कह दिया कि ‘मध्यप्रदेश में बीजेपी को मिली बंपर जीत का श्रेय लाड़ली योजना को नहीं देना चाहिए. क्योंकि लाड़ली बहना योजना न तो छत्तीसगढ़ में थी और न ही राजस्थान में थी लेकिन तब भी वहां पर बीजेपी बंपर सीटों के साथ विधानसभा चुनाव जीती है. ऐसे में मध्यप्रदेश में इस बंपर जीत का श्रेय लाड़ली बहना योजना को क्यों देना चाहिए. अगर किसी को श्रेय देना है तो श्रेय दीजिए पीएम मोदी और अमित शाह की रणनीति को जिसकी बदाैलत तीनों बड़े राज्य बीजेपी के पास बंपर सीटों के साथ आ गए’.
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