मध्य प्रदेश की कांग्रेस कार्यकारिणी भंग, नए सिरे से बनेगी टीम; अचानक क्यों हुआ ये बड़ा फैसला?
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MP Congress: मध्य प्रदेश में भले ही विधानसभा चुनाव का हल्ला खत्म हो गया हो, लेकिन उसका असर लगातार देखने को मिल रहा है. बीजेपी ने बंपर जीत दर्ज की और कांग्रेस को करारी हार का स्वाद चखना पड़ा. लेकिन दोनों की दलों में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं. सबसे ज्यादा असर कांग्रेस में दिखाई दे रहा है. सांसद भंवर जितेंद्र सिंह को मध्य प्रदेश का प्रभारी बनाया गया है, उसके बाद वह पहली बैठक लेने आज यानि मंगलवार को भोपाल पहुंचे, जहां पर प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी से चर्चा के बाद प्रदेश कार्यकारिणी को भंग कर दिया है.
लोकसभा चुनाव से पहले कार्यकारिणी को भंग करना बड़ा फैसला माना जा रहा है. हालांकि जिला प्रभारी और जिला अध्यक्ष काम करते रहेंगे. भोपाल के पीसीसी दफ्तर में प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रदेश भर के कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक बुलाई. बता दें कि बीजेपी और कांग्रेस अभी से लोकसभा चुनावों की तैयारियों में जुट गई है. यही कारण कि मध्यप्रदेश में प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया है. प्रदेश प्रभारी जितेंद्र सिंह (MP Congress incharge) ने इस की जानकारी दी है. उन्होंने कहा, आगामी आदेश तक जिला अध्यक्ष और प्रभारी काम करते रहेंगे. अब नए सिरे से नियुक्तियां होगी.
जानकारी के मुताबिक, कार्यकारिणी भंग करने के पीछे लोकसभा चुनाव की तैयारियों और नई टीम तैयार करना है. ऐसा इसलिए क्योंकि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद अब कांग्रेस लोकसभा चुनाव में अच्छे नतीजों की उम्मीद में अभी से जुट गई है. पहले प्रदेश अध्यक्ष और अब प्रदेश कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया है.
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बैठक के बाद कार्यकारिणी भंग
आपको बता दें कि कांग्रेस प्रदेश प्रभारी जितेंद्र ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पार्टी के जिलाध्यक्षों के साथ बैठकें की है. बैठक में मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023(MP Congress) में हुई हार पर चर्चा हुई. इस दौरान कई कांग्रेस जिला अध्यक्षों ने अपनी हार के पीछे अपने नेताओं को बताया है. उनका कहना है कि उन्हें बीजेपी ने नहीं बल्कि कांग्रेस के ही नेताओं ने ये विधानसभा चुनाव हराया है. बैठक खत्म होने 2 घंटे बाद ही कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया है. जिसके चलते इंदौर कांग्रेस के हाल ही में बने कार्यवाहक अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, प्रवक्ता और सह प्रवक्ता के साथ ही सभी प्रकोष्ठ भी भंग हो गए हैं.
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