MP Election 2023: कांग्रेस के ये दो बड़े नेता हुए बागी, टिकट काट दिया तो निर्दलीय उतरे मैदान में
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MP Election 2023: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण के बाद बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में बगावत का दौर जारी है. नाराज नेता अब निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में उतरने लगे हैं. शुक्रवार को कांग्रेस के दो बड़े बागी नेता चुनावी मैदान में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर उतर गए. इनमें एक हैं महू विधानसभा सीट से टिकट मांग रहे अंतर सिंह दरबार और दूसरे नेता हैं नरसिंहपुर जिले की गोटेगांव से आने वाले शेखर चौधरी.
बात पहले अंतर सिंह दरबार की. अंतर सिंह दरबार ने शुक्रवार को एक बड़ी रैली निकालते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे जहां पर उन्होंने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. अंतर सिंह दरबार पुराने कांग्रेसी नेता हैं और पूर्व में भी चुनाव लड़ चुके हैं. कांग्रेस ने महू विधानसभा सीट पर रामकिशोर शुक्ला को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. इससे नाराज महू कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कुछ दिन पूर्व अंतर सिंह दरबार के टिकट को लेकर ड्रीमलैंड चौराहे पर बड़ा प्रदर्शन किया था.
बावजूद इसके कांग्रेस पार्टी के आला कमान द्वारा टिकट नहीं बदलने से नाराज अंतर सिंह दरबार के समर्थकों ने शुक्रवार को विशाल वाहन रैली निकाल कर निर्दलीय नामांकन जमा करने पहुंचे. इस दौरान हजारों की संख्या में दो पहिया वाहनों पर सवार कार्यकर्ताओं के हाथ में बैनर पोस्टर लिए अंतर सिंह दरबार के पक्ष में नारेबाजी कर रहे थे.
इस दौरान निर्दलीय प्रत्याशी अंतर सिंह दरबार ने कहा कि मैं कोई कांग्रेस पार्टी को चुनौती नहीं दे रहा हूं, यह हमारा हक है जो कांग्रेस पार्टी ने हमसे छीना है. उसी का कार्यकर्ताओं ने आक्रोश जताया है. अंतर सिंह दरबार ने कहा कि मैं महू की जनता के टिकट पर चुनाव लड़ने जा रहा हूं. उन्होंने कहा कि ये महू की जनता का ही प्यार है कि आज हजारों की संख्या में कार्यकर्ता बाइक रैली में शामिल हुए हैं. अंतर सिंह दरबार ने आरोप लगाया कि किस आकलन और सर्वे के आधार पर उनका टिकट कटा है. 27 दिन पहले भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए रामकिशोर शुक्ला का टिकट चयन किया गया है, यह किस सर्वे के आधार पर किया है.
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गोटेगांव से कांग्रेस ने पहले दिया था शेखर चौधरी को टिकट, बाद में काटा
वहीं नरसिंहपुर जिले की गोटेगांव विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने पहली सूची में शेखर चौधरी को टिकट दिया था. लेकिन ऐन वक्त पर कांग्रेस ने शेखर चौधरी का टिकट काटकर वर्तमान विधायक नर्मदा प्रसाद प्रजापति को दे दिया. नर्मदा प्रसाद प्रजापति कांग्रेस की 15 महीने की कमलनाथ सरकार के दौरान विधानसभा अध्यक्ष भी थे.
शेखर चौधरी 2018 में बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे लेकिन तब भी उनको टिकट नहीं दिया गया था और अब इस बार टिकट दिया तो दूसरी सूची में उनका नाम बदलकर नर्मदा प्रसाद प्रजापति को टिकट दे दिया गया. इससे शेखर चौधरी काफी नाराज हो गए और उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया, जिसके तहत उन्होंने शुक्रवार को नामांकन फॉर्म भी जमा कर दिया.
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