गोपाल भार्गव का फिर छलका मंत्री न बन पाने का दर्द, आलाकमान को लेकर कह दी ये बड़ी बात
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MP News: सागर जिले की रहली विधानसभा से नौ बार के विधायक गोपाल भार्गव को इस बार मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है. इसके बाद पूरे क्षेत्र में यह है चर्चा का विषय बना हुआ है, कि मध्य प्रदेश विधानसभा में सबसे सीनियर विधायक को मंत्रिमंडल से बाहर क्यों कर दिया गया है. इसको लेकर जब गोपाल भार्गव से बात की तो उन्होंने कहा कि वह तो निस्वार्थ है, लेकिन 20 साल तक मंत्री रहा इसलिए जनता को लगा हो गया प्रत्येक विधायक यह चाहता है, कि वह मंत्री बने राज्य मंत्री बने या पदोन्नति होकर उपमुख्यमंत्री बने और अगर नेतृत्व की कृपा हो तो मुख्यमंत्री भी बन सकता है. ऐसा हुआ भी है अभी जो तीन राज्यों में चुनाव हुए हैं उसमें सभी ने देखा है.
इसके साथ ही गोपाल भार्गव को अभी भी मंत्री बनने की उम्मीद बनी हुई है. उन्होंने कहा कि अभी अधिकांश पदों पर मंत्रियों की नियुक्ति हो गई है. लेकिन तीन-चार पद रिक्त हैं. पार्टी को या मुख्यमंत्री को जब आवश्यकता महसूस होगी तो वह भी भरे जाएंगे.
दिल्ली जाने तैयार भार्गव
गोपाल भार्गव ने दिल्ली जाने से भी मना नहीं किया है. यानि कि अगर गोपाल भार्गव को लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए पार्टी कहती है तो वह पूरी तरह से तैयार हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी चाहे दिल्ली बुलाए या जहां भी भेजे बी उसके लिए तैयार हैं.
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आला नेतृत्व की कृपा से कोई भी मुख्यमंत्री बन सकता है- भार्गव
गोपाल भार्गव ने कहा “प्रत्येक विधायक जहां का होता है अब तो पहली बार के विधायक भी यह कल्पना करती है” विचार व्यक्त करते हैं इच्छा करते हैं और यह गलत भी नहीं है, कि उन्हें भी मंत्री बनना चाहिए और बने भी हैं. इसमें कोई अनहोनी नहीं है. विधायक मंत्री बनने का सोचता है और आगे बढ़कर पदोन्नति होकर वह मंत्री या उपमुख्यमंत्री तत्पश्चात नेतृत्व की कृपा हो तो वह मुख्यमंत्री भी बन सकता है. और बनी भी है अभी तीनों राज्यों में जो चुनाव हुए हैं विधानसभा के उसमें यह देखने भी मिला है वही पार्टी जो निर्णय कर देती है उसमें हम लोग किंतु परंतु नहीं लगते हैं
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सबसे सीनियर विधायक हैं गोपाल भार्गव
गोपाल भार्गव 1985 से लगातार 2023 तक चुनाव जीते आ रहे हैं. उन्हें बुंदेलखंड का अपराजे योद्धा कहा जाता है. वहीं 2003 से लेकर अब तक मंत्री भी रहे हैं. बीच में सवा साल के लिए जब कमलनाथ की सरकार आई थी तो उन्हें नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दी गई थी. वहीं गोपाल भार्गव ने 2023 के चुनाव में मंत्री के पद पर रहते हुए प्रदेश में अब तक की सबसे बड़ी रिकॉर्ड जीत हासिल की है. उन्हें कुल मतदान का 70 फीस दी वोट मिला है और 73000 वोटो से विजय हुए हैं.
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