3 बार से मंत्री बन चुके दिग्गजों का कट सकता इस बार पत्ता, ऐसी हो सकती है CM मोहन यादव की कैबिनेट
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Madhya Pradesh Cabinet: मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्रियों की शपथ के बाद सबकी निगाहें अब कैबिनेट विस्तार पर टिकी हुई हैं. इसको लेकर पार्टी के साथ ही सीएम मोहन यादव के सामने बड़ी चुनौती है. वैसे तो सारे मंत्रियों के नाम भोपाल से ही फाइनल होंगे, लेकिन प्रस्तावित नामों को लेकर मंथन शुरू हो गया है. सूत्रों की मानें तो पार्टी अभी से लोकसभा चुनाव की तैयारियों को देखकर मंत्रिमंडल का विस्तार करेगी. इसके साथ ही लगातार 3 बार से मंत्री बने आ रहे नेताओं का पत्ता कट सकता है.
सूत्रों के अनुसार मध्य प्रदेश में बीजेपी ने जैसे अपने मुख्यमंत्री के नाम को लेकर चौंकाया है, ठीक वैसा ही कुछ कैबिनेट विस्तार में देखने को मिल सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि सूत्र बताते हैं कि पार्टी इस बार मंत्री पद पर लंबे समय से बने आ रहे नेताओं का पत्ता काट सकती है. ऐसा माना जा रहा है कि जो नेता लगातार 3 बार से मंत्री हैं उनका पत्ता कटना लगभग तय माना जा रहा है. अगर ऐसा होता है तो कई दिग्गज नेता अब केवल विधायक बनकर ही रह जांएगे.
बुंदेलखंड से इनका कट सकता है पत्ता
इस लिस्ट में बुंदेलखंड अंचल के 2 नेताओं को लेकर सियासी चर्चाएं तेज हैं. इनमें दमोह से विधायक जयंत मलैया, उमा भारती सरकार के बाद मंत्री बनाए गए थे और 2018 तक वित्त मंत्री रहे हैं. इसके अलावा मध्य प्रदेश विधानसभा के सबसे वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव वे लगातार 9वीं बार विधायक चुनकर आए हैं. हाल ही में उन्हें प्रोटेम स्पीकर पद की शपथ दिलाई गई है. जिसके बाद ऐसा माना जा रहा है कि वरिष्ठता को ध्यान में रखते हुए ये पद दिया गया है. इस पद को देने के साथ ही उनका मंत्री पद काटा जा सकता है.
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इन नेताओं का भी कट सकता है पत्ता
नारायण सिंह कुशवाह, विजय शाह और अर्चना चिटनीस को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इन तीन वरिष्ठ नेताओं का भी पत्ता कट सकता है. नारायण कुशवाहा 2018 से पहले लगातार तीन बार राज्य मंत्री रह चुके हैं और अर्चना चिटनीस भी स्कूल शिक्षा मंत्री रह चुकी हैं. नारायण सिंह कुशवाहा ने तो इस बार टिकट पाने के लिए बीजेपी को धमकी तक दे दी थी, यदि उनका टिकट नहीं मिला तो वह बीजेपी के लिए काम नहीं करेंगे. ऐसे में संभावना है कि मध्य प्रदेश की नई सरकार में ऐसी पुरानी और धमकाने वाले चेहरों को दूर रखा जा सकता है.
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विजय शाह लगातार शिवराज सरकार में मंत्री रहे हैं, पिछली सरकार में वे वन मंत्री रहे हैं. वे लगातार आठवी बार हरसूद विधानसभा से चुनकर आए हैं. लेकिन फिर भी ऐसा माना जा रहा है कि उनका भी इस बार कैबिनेट से पत्ता कट सकता है. फिलहाल अभी राजनीतिक गलियारों की चर्चाओं के कारण हलचल मच गई है. अगर ऐसा होता है तो निश्चित तौर पर मुख्यमंत्री के नाम की तरह ही मध्य प्रदेश का अगला कैबिनेट भी चौंका देगा.
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