‘ज्ञानवापी के कुएं में है शिवलिंग’ ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस दावे के मायने समझिए
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Gyanvapi News: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने काशी की ज्ञानवापी को लेकर बड़ा दावा कर दिया है. उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी के कुएं में सिंधिया राजघराने की महारानी बैजाबाई ने शिवलिंग का संरक्षण किया था. अब उनका ये बयान वायरल हो रहा है और अब इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं. क्या सिंधिया इस बात को साबित करना चाहते हैं कि ज्ञानवापी में स्थित कुएं के अंदर शिवलिंग मौजूद है? सिंधिया के बयान के बाद ज्ञानवापी के मामले को एक बार फिर से हवा मिल गई है.
यह बयान उस वक्त आया है, जब एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंधिया स्कूल के 125वें फाउंडेशन डे कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे और वहां पर उन्होंने सिंधिया घराने का काशी से खास रिश्ते पर कहा था, ‘सिंधिया घराने ने काशी के राजघाटों और मंदिरों का संरक्षण किया है.’ मोदी के इस बयान के बाद एक कदम आगे बढ़ते हुए सिंधिया ने अब ज्ञानवापी पर बड़ा दावा कर दिया है. सिंधिया ने पीएम मोदी के उस बयान का जिक्र भी किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि सिंधिया परिवार का काशी से खास रिश्ता रहा है.
क्या है सिंधिया का ताजा बयान
सिंधिया ने रविवार की रात को ग्वालियर में रामलीला आयोजन के दौरान यह बयान दिया है कि सिंधिया घराने की महारानी बैजाबाई ने ज्ञानवापी के कुएं में मौजूद शिवलिंग का संरक्षण किया. उन्होंने मालवा की महारानी अहिल्याबाई होलकर के साथ मिलकर काशी को फिर से स्थापित किया है.
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बैजाबाई ने किया था शिवलिंग का संरक्षण
बता दें कि वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में हिंदू देवी-देवताओं समेत शिवलिंग की मौजूदगी को लेकर तमाम विवाद चल रहा है. ज्ञानवापी का मामला अभी सुलझा नहीं है, केस वाराणसी की सिविल कोर्ट से लेकर इलाहाबाद के हाई कोर्ट और दिल्ली के सुप्रीम कोर्ट तक में पेंडिंग है. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इसे लेकर बड़ा दावा कर दिया है. सिंधिया ने दावा किया है कि ज्ञानवापी के कुएं में मौजूद शिवलिंग का संरक्षण सिंधिया घराने की महारानी बैजाबाई ने किया था.
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पीएम मोदी ने क्या कहा था?
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने ग्वालियर आगमन पर कहा था कि काशी और ग्वालियर का रिश्ता है. यह रिश्ता कैसे है? काशी के सबसे बड़े घाट सिंधिया परिवार के द्वारा स्थापित किए गए. गंगा महल और बालाजी घाट सिंधिया परिवार के द्वारा स्थापित किया गया है. यह भी बताना चाहता हूं कि केवल घाट ही नहीं अन्य मंदिर भी और उसके संरक्षण का काम भी सिंधिया राजवंश ने किया है. सिंधिया ने कहा कि जिस समय में विदेशी आक्रमणकर्ता हमारे देश में आए थे, तब वही महादजी महाराज थे. जिन्होंने काशी के मंदिरों का संरक्षण किया.
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क्या है ज्ञानवापी विवाद
सिंधिया के इस बयान के बाद ऐसा माना जा रहा है कि सिंधिया इस बात को साबित करना चाहते हैं कि ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मौजूद है. बता दें कि ज्ञानवापी में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा वीडियोग्राफी और सर्वे किया जा रहे हैं. हिंदू संगठनों का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मौजूद है. उधर, मुस्लिम संगठन इसके विपक्ष में हैं. कोर्ट में अपनी अपनी दलीलें भी दी जा रही हैं और ज्ञानवापी के एक हिस्से को सील भी कर दिया गया है.
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