सीधी पेशाब कांड पर विधानसभा में हुआ हंगामा, मानसून सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
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mp politics: मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र आखिरकार हंगामे की भेंट चढ़ गया. मानसून सत्र के दूसरे दिन सदन की कार्रवाई के शुरू होते ही कांग्रेस ने सीधी पेशाब कांड और आदिवासियों पर अत्याचार को लेकर बहस करनी चाही. इस पर पक्ष-विपक्ष के नेताओं के बीच बहस होने लगी और काफी हंगामा हुआ. जिसके बाद मानसून सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. मानसून सत्र 11 जुलाई से 15 जुलाई तक 5 दिन चलना था. लेकिन हंगामे के चलते इसे दो दिन में ही खत्म करना पड़ा.
बुधवार को भी सदन सिर्फ दो घंटे ही चल पाया. दोनों दिन मिलाकर सदन की कार्रवाई सिर्फ 4 घंटे ही चली. इस बीच कांग्रेसी विधायकों ने महाकाल लोक निर्माण में भ्रष्टाचार, सतपुड़ा भवन में लगी आग और सीधी पेशाब कांड व दूसरे शहरों में हुए आदिवासी अत्याचारों को लेकर चर्चा करना चाह रहे थे. जिसे लेकर सत्ता पक्ष के विधायकों और मंत्रियों से कांग्रेसी विधायकों की बहस हो गई. इसकी वजह से काफी हंगामा हुआ और सदन की कार्रवाई स्थगित करना पड़ी.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि आदिवासी अत्याचार की घटनाएं हर दिन ही प्रदेशभर से सामने आ रही हैं. कल भी झाबुआ में आदिवासी महिला के साथ घटना हुई है. कई घटनाएं तो ऐसी होती हैं, जो मीडिया में छप भी नहीं पाती और लोगों को पता भी नहीं चल पाती. इस मामले में सरकार की ओर से मंत्री भूपेंद्र सिंह ने मीडिया के समक्ष जवाब दिया
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कांग्रेस बताए, कार्रवाई में कौन सी कमी रह गई- भूपेंद्र सिंह
मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कांग्रेस के रवैये पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि सीधी पेशाब कांड में आरोपी पर जितनी कठोर कार्रवाई होना चाहिए,वह सरकार द्वारा की जा चुकी है. इसके बाद भी कांग्रेस इस पर राजनीति कर रही है. कांग्रेस बताए कि सीधी पेशाब कांड में सरकार की कार्रवाई में कौन सी कमी रह गई. मंत्री ने कहा कि यह विषय अब समाप्त हो चुका है और कांग्रेस को इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए.
सदन में पेश हुआ अनुपूरक बजट
मानसून सत्र के दूसरे दिन अनुपूरक बजट सरकार की ओर से पेश किया गया. भारी हंगामे के बीच वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने 26 हजार 816 करोड़ 63 लाख 84 हजार रुपए का अनुपूरक बजट पेश किया. हुक्का बार और तंबाकू से बने उत्पादों को विज्ञापन पर रोक गलाने संसोधित विधेयक भी पास किया गया.
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