‘लाड़ली बहना योजना’ चलेगी या नहीं! नए CM मोहन यादव का हैरान करने वाला बयान
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CM Mohan Yadav: मध्यप्रदेश में नए मुख्यमंत्री बनाए गए मोहन यादव की ओर से एक बड़ा बयान सामने आ गया है. यह बयान है मध्यप्रदेश की सबसे चर्चित योजना लाड़ली बहना योजना को लेकर. शिवराज सिंह चौहान द्वारा लाई गई लाड़ली बहना योजना आगे चलेगी या नहीं, इसे लेकर संशय के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं. सीएम बनते मोहन यादव ने एमपी तक से खास बातचीत की जिसमें उन्होंने लाड़ली बहना योजना को लेकर कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया है.
सीएम मोहन यादव से पूछा गया कि क्या वे शिवराज सरकार द्वारा लाई गई लाड़ली बहना योजना को जारी रखेंगे तो इस पर सीएम मोहन यादव ने कहा कि मैं आकर देखूंगा. लाड़ली बहना योजना चलेगी या नहीं, उसे लेकर देखेंगे. सीएम मोहन यादव ने कहा कि कोशिश करेंगे कि जो अच्छी योजनाएं हैं, उनको हम जारी रखें. लेकिन इस बातचीत के दौरान उन्होंने स्पष्ट नहीं कहा कि वे लाड़ली बहना योजना को जारी रखेंगे या नहीं.
सीएम मोहन यादव ने लगातार अपनी बातचीत में केंद्रीय नेतृत्व, प्रदेश नेतृत्व और बीजेपी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया. लेकिन इससे अधिक वे कुछ भी बोलने से बचते रहे. वे अभी ऐसी कोई बात नहीं बोलना चाहते, जिससे आगे कोई दिक्कत आए. ज्यादा समय तक वे मीडिया से बचते भी नजर आए. लेकिन लाड़ली बहना योजना को लेकर जो रुख उन्होंने रखा, उससे संकेत मिलने लगे हैं कि लाड़ली बहना योजना को लेकर भविष्य में नई सरकार का रुख कुछ बदला-बदला नजर आ सकता है.
देखें ये VIDEO, जिसमें मोहन यादव ने दिया लाड़ली बहनों को लेकर बयान
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छात्रसंघ से मुख्यमंत्री तक का कैसा रहा मोहन यादव का सफर
1982 में मोहन यादव को पहली बार छात्र संघ का सह सचिव बनाया गया, 1984 में वह छात्र संघ के अध्यक्ष और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नगर मंत्री चुने गए थे. 1989 में मोहन यादव को प्रदेश इकाई की परिषद के मंत्री नियुक्त किया गया है. साथ ही 1991 में राष्ट्रीय परिषद का मंत्री बनाया गया. 2002 में मोहन यादव को विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की कार्यकारी परिषद का सदस्य चुना गया था. ये 2011 में उन्हें पहली बार दर्जा प्राप्त कैबिनेट मंत्री बनाया गया था. जब उन्हें मध्य प्रदेश पर्यटन निगम का चेयरमैन बनाया गया.
मोहन यादव पहली बार 2013 में उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट से चुनाव जीते और विधायक बने. 2018 में उन्होने दूसरी बार उज्जैन दक्षिण सीट से विधायक चुना गया. वह कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद 2020 में बीजेपी की दोबारा सरकार बनने पर कैबिनेट मंत्री बनाए गए थे. उन्हें उच्च शिक्षा मंत्रालय दिया गया था.
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