MP POLITICAL NEWS: गुना-शिवपुरी सांसद डॉ. केपी यादव बीजेपी से सांसद हैं लेकिन बीजेपी में सिंधिया गुट के आ जाने के बाद लगातार हो रही उपेक्षा से नाराज हैं. शनिवार को उनकी ये नाराजगी निकलकर भी सामने आई. पहले एक कॉलेज के कार्यक्रम में और फिर यादव समाज के कार्यक्रम में सांसद डॉ. केपी यादव ने सिंधिया का नाम लिए बगैर उन पर खूब तंज कसे. बीते कई दिनों से विकास यात्रा के दौरान उनके क्षेत्र में जो भी लोकार्पण या भूमि पूजन कार्यक्रम हो रहे हैं, उनमें लगातार उनकी उपेक्षा किए जाने के आरोप सांसद डॉ. केपी यादव लगा रहे हैं.
गुना-शिवपुरी सांसद डॉ. केपी यादव ने कहा कि ‘यदि रानी लक्ष्मीबाई के साथ गद्दारी नहीं होती तो आज हम लोग देश की आजादी की 75वीं नहीं बल्कि 175वीं वर्षगांठ मना रहे होते. पीजी कॉलेज गुना के कार्यक्रम में वे बोले कि रानी लक्ष्मीबाई के साथ उस समय धोखा हुआ था. वरना हमारा देश बहुत पहले ही अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हो गया होता’.
इसके बाद गुना-शिवपुरी सांसद डॉ. केपी यादव यादव समाज के कार्यक्रम में पहुंचे और यहां तो उन्होंने खुलकर ही बोल दिया कि ‘क्षेत्र में पहले वाले सांसद तो अपनी गाड़ी का कांच तक नीचे नहीं करते थे. मैं तो जितना भी समय मिला है, उसे आप लोगों के बीच बिता रहा हूं और आपके ही बीच रहूंगा. गुना सांसद ने साफ कहा कि यहां के कुछ लोगों को मै रास नहीं आ रहा हूं. पिछड़े वर्ग का सांसद बनने से कई लोगों के पेट में दर्द हो रहा है. मेरे खिलाफ साजिश रची जाती है. लेकिन हम कृष्ण के वंशज हैं. इतिहार भी हम ही बनाएंगे’. यहां सांसद ने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन इशारों ही इशारों में उन्होंने सिंधिया और उनके समर्थक मंत्री-विधायकों पर निशाना साधा.
पत्थरों पर नाम मत लिखने दो, लोगों के दिलों में मेरा नाम है- केपी यादव
सांसद डॉ. केपी यादव ने कहा कि ‘मैं साजिश करने वालों से कहना चाहता हूं कि तुम लोग लोकार्पण और भूमि पूजन के पत्थरों पर भले ही मेरा नाम दर्ज नहीं होने दे रहे हो लेकिन याद रखना कि मेरा नाम लोगों के दिलो में है. उसे कैसे मिटा पाओगे?. कुछ लोग कहते हैं “उसूलों पर आंच आये तो टकराना जरूरी है, जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है”. उनको बता दें कि हमें कोई भी कम आंकने की कोशिश न करे,हम जिंदा लोग हैं. हमारा स्वाभिमान भी है और उसूल भी’. डॉ. केपी यादव यहीं नहीं रुके और बोले कि ‘अन्य प्रदेश के लोग मुझे ढूंढते हुए आते हैं और कहते हैं कि कहां हैं वो सांसद साहब? जिन्होंने इतने बड़े आदमी को चुनाव हराया’. जाहिर तौर पर ये सभी इशारे सिंधिया को लेकर किए जा रहे थे. अब राजनीतिक हलकों में बीजेपी सांसद डॉ. केपी यादव और सिंधिया गुट के बीच चल रही इस कोल्ड वॉर के कई मायने निकाले जा रहे हैं.