कौन हैं धर्मेश घई? जिन्हें कांग्रेस ने विंध्य की सबसे हाई प्राेफाइल सीट मैहर से बनाया प्रत्याशी
MP Election 2023: विधानसभा चुनावों को देखते हुये कांग्रेस ने मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 88 उम्मीदवारों की दूसरी सूची गुरुवार देर रात जारी कर दी है. इससे पहले कांग्रेस की पहली सूची में 144 नामों की घोषणा की गई थी. कांग्रेस एक सीट को छोड़कर मध्यप्रदेश की सभी सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा […]

MP Election 2023: विधानसभा चुनावों को देखते हुये कांग्रेस ने मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 88 उम्मीदवारों की दूसरी सूची गुरुवार देर रात जारी कर दी है. इससे पहले कांग्रेस की पहली सूची में 144 नामों की घोषणा की गई थी. कांग्रेस एक सीट को छोड़कर मध्यप्रदेश की सभी सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है. इस लिस्ट में सबसे चौंकाने वाला नाम मैहर विधानसभा सीट से धर्मेश घई को मौका दिया गया है. ऐसा माना जा रहा था कि कांग्रेस यहां से बीजेपी के बागी नारायण त्रिपाठी को चुनावी मैदान में उतार सकती है.
मैहर विधायक लंबे समय से बीजेपी से नाराज चल रहे थे, ऐसा माना जा रहा था कि वे जल्द ही कांग्रेस की सदस्यता लेगें. लेकिन बीजेपी छोड़ने के बाद उन्होंने किसी भी पार्टी का अब तक दामन नहीं थामा है, ऐसे में कांग्रेस ने भी उन्हें बड़ा झटका दे दिया है. कांग्रेस ने मैहर सीट से धर्मेश घई को चुनावी मैदान में उतारने का फैसला लिया है. अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में नारायण त्रिपाठी का क्या फैसला रहता है.
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कौन हैं धर्मेश घई?
धर्मेश घई की बात करें तो उन्होंने अपने राजनैतिक करियर की शुरुआत 1984 में मैहर कालेज के छात्र संघ अध्यक्ष के तौर पर की थी. मैहर नगर पालिका के पार्षद, उपाध्यक्ष और फिर अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुए. घई जिला योजना समिति के सदस्य भी रहे. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य और फिर सचिव बने है. वर्तमान में उन्हें पार्टी की ओर से दमोह का प्रभारी बनाया गया था. घई की छवि गैर विवादित रही है. पंजाबी समाज से ताल्लुक रखने वाले घई का व्यापारी समाज में अच्छा खासा प्रभाव है.
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अजय सिंह का विरोध पड़ा भारी
नारायण त्रिपाठी को टिकट न देने की वकालत करने वाले कांग्रेस के दिग्गज नेता और चुरहट से प्रत्याशी अजय सिंह राहुल का विरोध आखिरकार काम आ गया है. अजय सिंह ने जब 2014 सतना संसदीय क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव लड़ा था. तब नारायण त्रिपाठी ने मैहर विधानसभा में उनके खिलाफ लामबंदी की थी. यही वजह रही कि अजय सिंह चुनाव हार गए थे और भाजपा के गणेश सिंह एक बार फिर सांसद बन गए. उसके बाद अजय सिंह और नारायण त्रिपाठी के बीच तल्खी बढ़ती गई. सूत्रों ने बताया कि अब जब नारायण की कांग्रेस में वापसी की बात आई तो अजय सिंह राहुल अड़ गए. इस तरह न तो नारायण त्रिपाठी को कांग्रेस में इंट्री मिली और न ही टिकट. अब देखना होगा की आगे नारायण त्रिपाठी का रूख रहता हे.
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