मोहन यादव के CM बनते ही सीएमओ से धड़ाधड़ ट्रांसफर, अब शिवराज के करीबी नीरज वरिष्ठ की छुट्टी
मुख्यमंत्री बनते ही मोहन यादव ने मध्यप्रदेश की ब्यूराेक्रेसी को लेकर ताबड़तोड़ एक्शन लेना शुरू कर दिया है. पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान के प्रमुख सचिव रहे मनीष रस्तोगी को हटाया गया था और अब सीएम कार्यालय में उप सचिव के रूप में पदस्थ नीरज वशिष्ठ को भी हटा दिया गया है.

CM Mohan Yadav: मुख्यमंत्री बनते ही मोहन यादव ने मध्यप्रदेश की ब्यूराेक्रेसी को लेकर ताबड़तोड़ एक्शन लेना शुरू कर दिया है. पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान के प्रमुख सचिव रहे मनीष रस्तोगी को हटाया गया था और अब सीएम कार्यालय में उप सचिव के रूप में पदस्थ नीरज वशिष्ठ को भी हटा दिया गया है. वे 2013 बैच के आईएएस अफसर थे. उनको अब मध्यप्रदेश शासन में उप सचिव बना दिया गया है.
इसके साथ ही टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (TNCP) में लंबे समय से जमे हुए आईएएस मुकेश चंद्र गुप्ता को भी यहां से हटा दिया गया है. वे सीनियर आईएएस अफसर थे और प्रमुख सचिव के रूप में सेवाएं दे रहे थे. दो साल से वे प्रमुख सचिव हैं लेकिन इसके बाद भी वे वे टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के संचालक पद पर बने हुए थे जो उनके प्रमुख सचिव पद से काफी जूनियर पद है.
ये भी पढ़ें: CM Mohan Yadav का बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, राघवेंद्र सिंह को बनाया प्रमुख सचिव
इन अफसरों से नाखुश थे सीएम मोहन यादव
बताया जाता है कि मुकेश चंद्र गुप्ता को लेकर सीएम मोहन यादव कई मामलों को लेकर नाखुश थे. जिसके बाद सीएम मोहन यादव ने मुकेश चंद्र गुप्ता को टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से हटाकर योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग में प्रमुख सचिव बना दिया है. आपको बता दें कि जिन अधिकारियों को सीएम मोहन यादव ने सीएमओ से लेकर दूसरे विभागों से हटाया है, ये सभी पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के करीबी बताए जाते हैं.
ये भी पढ़ें: मध्य प्रदेश में दिखने लगा मोहन ‘राज’ का असर, शिवराज के सबसे खास अफसर पर गिरी गाज
मनीष रस्तोगी थे शिवराज के करीबी
आपको बता दें कि पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के प्रमुख सचिव रहे मनीष रस्तोगी उनके सबसे खासमखास अफसर थे. उनके उपसचिव नीरज वशिष्ठ पर भी शिवराज सिंह चौहान का बेहद भरोसा हुआ करता था. अब अचानक से मुख्यमंत्री कार्यालय से पूर्व सीएम के करीबी अफसरों को हटा देने से राजनीतिक हलकों में चर्चाएं शुरू हो गई हैं कि नए सीएम मोहन यादव पुराने सीएम शिवराज के करीब रहे अफसरों को एक-एक कर हटाना शुरू कर दिया है और उनकी जगह पर उनके विश्वासपात्र अफसरों को लाना शुरू कर दिया है.