MP: क्या टूटेगा महाकाल का मिथक या उज्जैन छोड़ेंगे मोहन यादव? हैरान कर देगी वजह
मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान हो चुका है. मोहन यादव मध्य प्रदेश के नए कप्तान हैं और अब से प्रदेश की कमान संभालेंगे. मोहन यादव महाकाल की नगरी से आते हैं. वे उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं. लेकिन इस बीच चर्चाएं हो रही हैं कि वे मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए कभी अपने शहर उज्जैन में नहीं रुक पाएंगे.

MP News Cm Mohan Yadav: मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान हो चुका है. मोहन यादव मध्य प्रदेश के नए कप्तान हैं और अब से प्रदेश की कमान संभालेंगे. मोहन यादव महाकाल की नगरी से आते हैं. वे उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं. लेकिन इस बीच चर्चाएं हो रही हैं कि वे मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए कभी अपने शहर उज्जैन में नहीं रुक पाएंगे. इन सवालों के पीछे भी हैरान कर देने वाला मिथक है, आइए जानते हैं…
प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक बाबा महाकाल के भक्त बड़ी तादाद में हैं. लेकिन महाकाल की नगरी उज्जैन में ज्यादातर नेता रात रुकने से कतराते हैं. इसका कारण भगवान महाकाल हैं. दरअसल, महाकाल को उज्जैन का राजा कहा जाता है. मान्यता है कि राजाधिराज महाकाल के सामने उज्जैन में किसी दूसरे राजा का ठहरना ठीक नहीं होता है. ऐसा करने पर खामियाजा भुगतना पड़ता है. कहा जाता है कि ऐसा करने पर ज्यादा दिनों तक सत्ता हाथ में नहीं रहती है. यही वजह है कि कोई भी मुख्यमंत्री उज्जैन में रातभर ठहरने से कतराते हैं.
सत्ता जाने के डर से कोई भी मंत्री या मुख्यमंत्री उज्जैन में ठहरने से कतराते हैं. यही वजह है कि मोहन यादव के गृह नगर में ठहरने को लेकर चर्चाएं हो रही हैं. कहा जाता है कि ये परंपरा राजा विक्रमादित्य के समय से है. सिंधिया राजघराने के ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उज्जैन में कभी रातभर निवास नहीं करते हैं. सीएम शिवराज सिंह चौहान भी उज्जैन में नहीं ठहरते हैं. कहा जाता है कि भारत के चौथे प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई एक रात उज्जैन में रुके थे और उनकी सरकार गिर गई थी. कर्नाटक के सीएम येदियुरप्पा भी उज्जैन में रात्रि रुके थे, जिसके 20 दिन बाद उन्हें त्याग पत्र देना पड़ा था.
कौन हैं मोहन यादव?
मोहन यादव उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं. 1982 में छात्र राजनीति से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले मोहन यादव 2013 में पहली बार विधायक बने थे.
यादव हालिया शिवराज सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में कार्यरत रहे हैं. ये संघ के बैकराउंड से आते हैं और बीजेपी संगठन के विश्वास पात्र हैं.
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