दो बंदरों की मौत से गम में डूबा गांव, नम आंखों से दी अंतिम विदाई, कांधा देने वालों की लगी होड़

पंकज शर्मा

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MP News: अब तक आपने कई जानवरों के विवाह होते हुए देखे होंगे, लेकिन राजगढ़ में अजीबोगरीब मामला सामने आया है. राजगढ़ जिले के एक गांव में दो बंदरों की मौत होने पर रीति-रिवाजों के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. बंदरों की मौत से गांव शोक में डूब गया. इसके बाद शव यात्रा निकाली गई. इस दौरान सारे गांव वालों ने नम आंखों से अपने चहीते बंदरों को विदाई दी.

मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले कुंवर कोटरी गांव में दो बंदरों की मौत हो गई. दरअसल बंदर कुंवर कोटरी गांव में ही रहा करते थे और दिनभर गांव में चहलकदमी किया करते थे. इस वजह से ग्रामीणों को उनसे खासा लगाव था. आज अचानक करंट लगने की वजह से दोनों बंदरों की मौत हो गई. इससे सारे गांव में दु्ख का माहौल छा गया.

गांव में छाया मातम
जब बंदर के प्राण निकले तो सारे गांव में मातम छा गया. माहौल कुछ ऐसा था, मानो गांव के किसी वरिष्ठ व्यक्ति का निधन हो गया हो. बंदर को नम आंखों से विदाई दी गई. हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार बंदर का अंतिम संस्कार किया गया. ग्रामीणों ने कंधा दिया. सफेद कपड़े में लपेट गया. फिर शमशान तक ले जाया गया, जहां अंतिम संस्कार की क्रिया की गई. बंदरों की की अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए.

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रीति-रिवाजों के साथ निकाली शव यात्रा
बंदर दिनभर गांव में घूमा करते थे, इससे वह ग्रामीणों के परिवार के सदस्य की तरह थे. आज अचानक उन्हें करंट लग गया, जिससे उनकी मौत हो गई. बंदरों की मौत की खबर से गांव में मातम छा गया. लेकिन फिर ग्रामीणों से पूरे रीति-रिवाजों के साथ बंदर को विदाई देने की सोची. बंदरों को फूलों की मालाएं पहनाई गईं. किसी वरिष्ठ व्यक्ति की तरह उनका पूजन किया गया. बंदरों को पगड़ी पहनाई गई और अर्थी को कांधा देकर शवयात्रा निकाली गई.

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