mptak
Search Icon

धर्म संस्कृति सम्मेलन में बोले मोहन भागवत- भारत को गुरू बनाना चाहती है दुनिया

अशोक सोनी

ADVERTISEMENT

Mohan Bhagwat, Madhya Pradesh, Burhanpur, RSS, MP News
Mohan Bhagwat, Madhya Pradesh, Burhanpur, RSS, MP News
social share
google news

Madhya Pradesh: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत मध्यप्रदेश के बुरहानपुर के दौरे पर आए. सर संघचालक मोहन भागवत ने बुरहानपुर के रेवा गु्र्जर भवन में आयोजित धर्म संस्कृति सम्मेलन को सम्बोधित किया. इस दौरान उन्होंने पंथ और जाति का भेद मिटाने की बात कही. वसुधैव कुटुंबकम की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि आरएसएस की शाखा जो एक घंटा सिखाती है, उसे 23 घंटे निभाना है.

मोहन भागवत के साथ इस कार्यक्रम में शंकराचार्य, महामंडलेश्वर हरिहरानंद महाराज अमरकंटक, जितेंद्रनाथ महाराज श्रीनाथ पीठाधेश्वर सहित अन्य संत उपस्थित थे. धर्म संस्कृति सम्मेलन में मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र से हजारों की संख्या में लोग शामिल होने के लिए पहुंचे. कार्यक्रम में धर्म और संस्कृति विषय के ऊपर चर्चा की गई.

दूसरी भाषा में नहीं धर्म
धर्म संस्कृति सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि हम जिसको धर्म कहते हैं, वह सारी दुनिया का एक ही है. धर्म शब्द दूसरी भाषा में नहीं है. लेकिन दुनिया जिसको रिलीजन कहती है, वह सबके अलग-अलग है. शिवाजी महाराज ने पूरा जीवन लगा दिया धर्म रक्षण के लिए, अपनी राज्य प्राप्ति के लिए नहीं किया. धर्म के लिए जान जोखिम में डालने के लिए काम किया. यहां की प्रजा की छाती पर और आज की भाषा में कहें तो हिन्दू, मुसलमान दोनों की छाती पर रौंदकर चल रही थी बादशाहियां और सल्तनतें, उनको ठीक किया.

ADVERTISEMENT

यह भी पढ़ें...

विश्व ही मेरा घर
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि ये जात-पात, पंथ-संप्रदाय और पूजा के भेद छोड़ दो. यह विश्व ही मेरा घर है, यह मानकर चलो. सबका ख्याल रखकर अपना ख्याल रखना है. सभी के मुख से मंगल विचार, मंगल वाणी निकलना चाहिए. देश की भक्ति, सभी के प्रति सद्भाव होना चाहिए. उन्होंने कहा कि एक घंटे जो शाखा सिखाती है उसे 23 घंटे अपनाना है.

भारत को गुरू बनाना चाहती है दुनिया
सर संघचालक मोहन भागवत ने कहा कि दुनिया का ध्यान भारत की तरफ है. भारत को गुरू बनाना चाहती है दुनिया, लेकिन भारत को इसके लिए तैयार होना पड़ेगा. इस दौरान उन्होंने जात-पात और पंथ की दीवारों को अलग करने की बात कही. मोहन भागवत ने वसुधैव कुटुंबम की तरफ इशारा किया. उन्होंने कहा कि धर्म छोड़ना नहीं है, मैं बड़ा बनूंगा सबको बड़ा बनाउंगा. मेरा लाभ होता है तो कम से कम मेरे गांव का लाभ होना चाहिए. यह विचार लेकर चलना है.

ADVERTISEMENT

ये भी पढ़ें: ‘भगवान राम को मिला आयकर विभाग का नोटिस’, अजीबोगरीब है मामला, खुद जानिए

ADVERTISEMENT

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT