कांग्रेस में CM फेस को लेकर मचा बवाल; आगे कमलनाथ तो पीछे कौन? MP TAK ‘बैठक’ के बाद खड़े हुए सवाल

अभिषेक शर्मा

ADVERTISEMENT

mptak
social share
google news

MP POLITICAL NEWS: 2023 विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के अंदर 3 फरवरी से पहले तक सीएम फेस को लेकर किसी तरह का कोई सवाल या संदेह नहीं था. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ को ही अघोषित रूप से भावी सीएम उम्मीदवार के रूप में प्रोजेक्ट कर दिया गया था और कई जिलों में उनके समर्थकों ने उनको भावी मुख्यमंत्री तक घोषित करने वाले पोस्टर लगा दिए थे. लेकिन अंदर ही अंदर कमलनाथ को लेकर असहमति की लहर दौड़ रही थी जो अचानक 3 फरवरी को MP TAK ‘बैठक’ कार्यक्रम में उजागर हो गई.

एमपी तक की न्यूज वेबसाइट www.mptak.in की लॉचिंग कार्यक्रम ‘बैठक’ में पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव ने अपने इंटरव्यू में स्पष्ट कर दिया कि कांग्रेस के अंदर वर्तमान में कोई सीएम फेस नहीं है और इसका फैसला 2023 विधानसभा चुनाव के रिजल्ट के आने के बाद ही विधायक दल की बैठक में होगा. दो दिन बाद ही अरुण यादव की इस बात का समर्थन वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह उर्फ राहुल भैया ने भी कर दिया और अब खुद कमलनाथ को पहले ग्वालियर और फिर बुधवार को उमरिया में आयोजित कार्यक्रम में सफाई देनी पड़ी कि ‘न तो वे सीएम पद के उम्मीदवार हैं और न ही उन्हें किसी पद की लालसा है’.

ऐसे में अब यहां सवाल उठना लाजिमी हैं कि यदि कांग्रेस में कमलनाथ सीएम फेस नहीं है तो फिर कांग्रेस किस चेहरे की दम पर विधानसभा चुनाव में उतरने जा रही है. सवाल ये भी उठ रहे हैं कि क्या कमलनाथ के अलावा कांग्रेस के पास ऐसा कोई चेहरा है, जिसे जनता के बीच वो सीएम के उम्मीदवार के तौर पर प्रस्तुत कर सकें. कई गुटो में बंटी कांग्रेस आखिर बीजेपी के ‘विकास रथ’ को रोकने के लिए किस चेहरे को आगे कर पाएगी. यदि आगे-आगे कमलनाथ हैं तो पार्टी में पीछे-पीछे सीएम फेस की दौड़ में कौन है? इसे ही जानने की कोशिश की MP TAK ने.

ADVERTISEMENT

यह भी पढ़ें...

वरिष्ठ पत्रकार और राजनीति विश्लेषकों की नजर में कांग्रेस के पास नहीं है कमलनाथ का विकल्प

ADVERTISEMENT

वरिष्ठ पत्रकार धनंजय प्रताप सिंह के अनुसार ‘मध्यप्रदेश में जब से ज्योतिरादित्य सिंधिया के रूप में एक युवा नेता बीजेपी में गए हैं, तब से कांग्रेस में कमलनाथ ही कांग्रेस में एकमात्र ऐसा चेहरा हैं, जिन पर नेताओं के विभिन्न गुट एक मत हो सकते हैं’.

ADVERTISEMENT

कांग्रेस को नजदीक से देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक दिनेश गुप्ता बताते हैं, ‘कांग्रेस कभी भी चेहरे की पॉलिटिक्स नहीं करती. कांग्रेस में सिर्फ वही चेहरे आगे किए जाते हैं जो अपनी दम पर चुनाव जीत पाने में या फिर जिता पाने में सक्षम हों. कमलनाथ ऐसा ही एक चेहरा हैं, जिनसे कांग्रेस विधानसभा चुनावों में जीत की कोई उम्मीद कर सकती है. बीजेपी ने जिस तरह से मध्य प्रदेश की जनता में दिग्विजय सिंह को एक अकुशल प्रशासक के तौर पर पोट्रेट किया है, वैसा कमलनाथ को लेकर अब तक नहीं कर पाई है. यही वजह है की जनता के बीच में कुछ हद तक कमलनाथ को लेकर एक तरह की स्वीकार्यता है. इसीलिए कांग्रेस पार्टी के अंदर कमलनाथ के अलावा अब तक कोई ऐसा दूसरा चेहरा निकलकर सामने नहीं आया जिसे कांग्रेस पार्टी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर जनता के सामने प्रस्तुत कर सके’.

वरिष्ठ पत्रकार एलएन शीतल बताते हैं, ‘ 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की तरफ से जनता के बीच में अप्रत्यक्ष रूप से ज्योतिरादित्य सिंधिया का चेहरा मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर प्रचारित किया गया था,लेकिन चुनाव जीतने के बाद दिग्विजय और कमलनाथ के गठजोड़ ने सिंधिया को नाराज किया और अपने-अपने पुत्रों को मध्य प्रदेश की राजनीति में सेटल करने के चक्कर में अपनी सरकार गवा बैठे. एलन शीतल के अनुसार नरोत्तम मिश्रा कांग्रेस पर बुजुर्ग नेताओं की पार्टी होने का तंज कसते हैं तो उस में दम है. क्योंकि कमलनाथ हों या पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह सभी बुजुर्ग हैं, कद्दावर नेता स्व. अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह भी बुजुर्ग ही हो चले हैं और फिलहाल पार्टी के अंदर साइड लाइन है. ऐसे में बहुत स्पष्ट है कि कांग्रेस के पास कमलनाथ के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है. केंद्रीय नेतृत्व का कमलनाथ पर पूरा भरोसा है और वे ही सीएम फेस रहेंगे’.

कांग्रेस का CM फेस: अरुण यादव के बयान का अजय सिंह ने किया समर्थन, कहा- कांग्रेस की परंपरा रही..

इंदौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष और वरिष्ठ पत्रकार अरविंद तिवारी भी मानते हैं कि ‘कांग्रेस के अंदर गुटबाजी चरम पर है. ये गुटबाजी आज से नहीं बल्कि पार्टी की शुरूआत से है और हर दौर में रही है. कमलनाथ को लेकर विरोध के स्वर भले ही पार्टी के अंदर उठ रहे हों लेकिन कमलनाथ ही एक मात्र वो नेता हैं, जिनके नाम के पीछे कांग्रेस के ज्यादातर नेता इस समय एकजुट हो सकते हैं. पीसीसी चीफ तो वे ही हैं तो ऐसे में सीएम पद के दावेदार भी वे ही रहेंगे. चाहे उनके नाम की घोषणा हो या ना हो’.

कमलनाथ: शिवराज ने मुंह चलाने के अलावा कुछ नहीं किया, मुझे नहीं है ‘CM’ पद की लालसा

बीजेपी के अंदर शिवराज सिंह चौहान के अलावा भी कई दावेदार
2023 विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी के अंदर शिवराज सिंह चौहान के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर, नरोत्तम मिश्रा, कैलाश विजयवर्गीय, गोपाल भार्गव सहित कई नेताओं की एक लंबी लिस्ट है जो मुख्यमंत्री पद के दावेदार हो सकते हैं और इनमें से कई ने पर्दे के पीछे से अपनी-अपनी दावेदारी पेश भी की है. लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार कांग्रेस में कमलनाथ के अलावा कोई भी दूसरा ऐसा चेहरा जनता के सामने नजर नहीं आता जिसे लेकर जनता के बीच एक तरह की सर्वमान्यता हो. इसीलिए मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा कई बार कांग्रेस के ऊपर बुजुर्गों की पार्टी बोलकर तंज कसते हैं और बुधवार को भी वे बोले कि ‘कमलनाथ के छोटे भाई लोग उनको चुनाव के नजदीक आते-आते सीएम पद की उम्मीदवारी की दौड़ से ही बाहर कर देंगे’.

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT