शाजापुर: मरीज के परिजनों की अभद्रता पर पुलिस ने नहीं की सुनवाई तो डॉक्टर-नर्सेस चले गए हड़ताल पर
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![शाजापुर: मरीज के परिजनों की अभद्रता पर पुलिस ने नहीं की सुनवाई तो डॉक्टर-नर्सेस चले गए हड़ताल पर Shajapur: When the police did not listen to the indecency of the patient's relatives, the doctors and nurses went on strike](https://akm-img-a-in.tosshub.com/lingo/mptak/images/story/202303/shajapur-news-1-960x540.jpg?size=948:533)
Shajapur news: शुजालपुर सिटी के सरकारी अस्पताल में शनिवार सुबह 10:30 बजे से नर्सिंग स्टाफ के साथ ही चिकित्सकों ने एक साथ काम बंद कर दिया. इमरजेंसी चिकित्सा के अलावा सभी काम ठप हो गया है. 3 दिन पहले एक मरीज के परिजनों ने नर्सिंग स्टाफ के साथ की गई अभद्रता के मामले में पुलिस ने शिकायत में लिखने से नाराज होकर स्वास्थ्यकर्मी हड़ताल कर रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक 3 दिन पहले मरीज के परिजनों द्वारा नर्सिंग स्टाफ के साथ की गई थी. इसकी शिकायत करने के लिए नर्सिंग स्टाफ के साथ ही चिकित्सक 17 मार्च शुक्रवार को पुलिस थाना में पहुंचे थे, लेकिन 1 घंटे तक इंतजार कराने के बाद पुलिसकर्मियों ने चिकित्सा कर्मियों की एफ आई आर लिखने से इंकार कर दिया था. अभद्रता के मामले में पुलिस द्वारा शिकायत न लिखने से नाराज होकर स्वास्थ्यकर्मी हड़ताल कर रहे हैं.
अभद्रता का ये पहला मामला नही है
नर्सिंग स्टाफ से पहले भी कई बार अभद्रता की गई है. इसी से नाराज होकर स्वास्थ्य कर्मियों ने हड़ताल की चेतावनी दी थी जो आज सुबह शनिवार से शुरू हुई है. नर्सिंग स्टाफ में मनीषा मसीह, रूबी चौधरी, नीतू यादव, शिवानी देशमुख, करीना परिहार, मीरा अटल, शांता व किरण राठौड़ के साथ अस्पताल के सभी चिकित्सक भी काम बंद कर हड़ताल पर बैठे हुए हैं. नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि सिटी सिविल अस्पताल में अक्सर इस तरह की घटनाएं होती रहती है, तथा थाने से 100 मीटर की दूरी होने के बाद भी यहां स्थाई पुलिसकर्मी की ड्यूटी नहीं लगाई जाती है.
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मरीज के परिजनों ने की अभद्रता
सिटी सिविल अस्पताल में उज्जैन की जच्चा अजमा बी पति शोएब खान को परिजन रोशनी पति रफीक खां ने प्रसव के लिए 14 मार्च को शुजालपुर सिटी सिविल अस्पताल भर्ती कराया था. 15 मार्च को सुबह 9:40 बजे प्रसूता अजमा बी के परिजन रोशनी पति रफीक ने वार्ड में ड्यूटी कर रहे थे. सभी नर्सिंग स्टाफ को गालियां देते हुए अभद्र व्यवहार करने लगे. गालियां इतनी तेज आवाज में दी जा रही थी. कि आसपास के वार्ड के लोग एकत्रित हो गए. जब स्टॉफ ने इसकी शिकायत करने के लिए 17 मार्च शुक्रवार को पुलिस थाना में पहुंचे तो पुलिस ने 1 घंटे तक इंतजार कराने के बाद चिकित्सा कर्मियों की एफआईआर लिखने से इंकार कर दिया था.
पुलिस बोली- जांच कर रहे हैं
इस मामले में विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस थाना प्रभारी सौरभ शर्मा ने कहा कि एफआईआर दर्ज करने से मना नहीं किया गया था, बल्कि शिकायत घटना के 2 दिन बाद प्राप्त होने के कारण पुलिस ने सक्षम जांच के बाद कार्रवाई की बात कही थी.
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