शिवपुरी: 27 साल बाद माधव नेशनल पार्क में गूंजेगी टाइगर की दहाड़, सिंधिया 3 टाइगर छोड़ेंगे
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Madhav National Park: शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क में 27 साल बाद टाइगर की दहाड़ गूंजेगी. 10 मार्च शुक्रवार को स्व. माधवराव सिंधिया की जयंती पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्स सिंधिया और सीएम शिवराज सिंह चौहान 3 टाइगर को माधव नेशनल पार्क में छोड़ेंगे. पिछले 27 साल से यह पार्क टाइगर विहीन हो चुका था. अब यहां पर टाइगर का पुर्नस्थापन करने की कोशिश की जा रही है. सिंधिया ने इसे लेकर गुरुवार को ग्वालियर में मीडिया से बात भी की.
सिंधिया ने बताया कि ‘मेरे पिताजी के जन्म दिवस पर बड़ी सौगात मिल रही है. माधव नेशनल पार्क शिवपुरी में 27 साल से टाइगर की आवाज सुनाई नहीं दी थी. लेकिन अब 27 साल अब टाइगर आ रहे हैं, इसके लिए पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र सिंह का धन्यवाद करता हूं. कल हम 3 टाइगर को रिलीज करेंगे’.
सिंधिया के अनुसार ‘ग्वालियर चंबल संभाग में टूरिज्म का एक नया कॉरिडोर में बन रहा है. रणथंभोर राजस्थान से टूरिस्ट कूनो आएगा. कूनो में उसे चीते मिलेंगे. उसके बाद शिवपुरी आएगा तो माधव नेशनल पार्क में टाइगर मिलेंगे और उसके बाद पन्ना के नेशनल पार्क में वाइल्डलाइफ के प्राणियों को देखेगा, यानी अब टूरिज्म का नया कॉरिडोर स्थापित हो गया है’.
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5 बाघों को बसाने की है योजना
सिंधिया ने कहा कि मेरे पूज्य पिताजी का सपना कल के कार्यक्रम से पूरा हो रहा है. माधव नेशनल पार्क में 1990- 91 तक यहां काफी संख्या में टाइगर हुआ करते थे, लेकिन अंतिम बार 1996 में यहां टाइगर देखा गया था. टाइगर प्रोजेक्ट के तहत यहां कुल पांच बाघों को बसाए जाने की योजना है. पहले चरण में यहां तीन बाघों को शिफ्ट किया जाएगा. इसमें पन्ना, बांधवगढ़ से एक-एक मादा टाइगर और भोपाल से एक नर टाइगर को शिफ्ट किया जाएगा. माधव नेशनल पार्क में पहले चरण में आने वाले तीनों टाइगरों को फ्री रेंज में रखा जाएगा. यानी यहां टाइगरों को पिंजरे में कैद करके ना रखते हुए पार्क में उनके लिए बनाए गए बाड़े में खुले में रखा जाएगा. यहां इन टाइगरों को लेकर अध्ययन भी किया जाएगा कि वह यहां किस तरह से रहते हैं और खुद को कैसे इस नए वातावरण में अनुकूल करते हैं. हालांकि माधव नेशनल पार्क टाइगर सहित अन्य वन्य प्राणियों का प्राकृतिक घर है. लेकिन लगातार शिकार के चलते एक समय बाद यहां बाघों की संख्या खत्म हो गई थी.
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