Crime News: जब आस्था अंधविश्वास में बदल जाती है तो जीवन पर हावी हो जाती है. मध्यप्रदेश के राजगढ़ में ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां अंधविश्वास के चलते एक व्यक्ति को अपनी जान गंवानी पड़ी. दरअसल राजगढ़ के जीरापुर में अपनी बेटी के लकवा का इलाज करवाने के लिए परिवार एक पंडा के पास आया हुआ था, लेकिन एक पंडा ने अंधविश्वास के फेरे में लेकर उसकी जान ले ली.
राजस्थान के पाली से एक परिवार अंधविश्वास के फेर में पड़कर अपनी 13 साल की बच्ची का लकवा ठीक कराने के लिए आया था. वह पत्नी भंवरीबाई के साथ जीरापुर के साईं कालोनी में कालाजी देवता के स्थान पर पहुंचा था. जहां पंडा त्रिशूल और भाला घुमा रहा था, वह भाला गणपत को लगा , जिससे उसकी मौत हो गई. पुलिस ने आरोपी पंडा के ऊपर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
पंडा ने मारा भाला और हो गई मौत
पंडा गोपाल का नाम इलाके में बड़ा चर्चित था. इस बारे में सुनकर राजस्थान के गणपत भी बेटी की बीमारी को ठीक करने की गुहार लगाने पहुंचे थे. पंडा ने मृतक के परिवार को बोला था कि बेटी को कोई बीमारी नहीं है, उसे यहां लाओगे तो ठीक हो जाएगी. यह परिवार पिछले तीन महीनों से यहां हर सप्ताह आ रहा था. पंडा गोपाल का कहना था कि उसे देवता आते हैं. इसी तरह उसने गणपत पर भाले से वार कर दिया. गणपत के गर्दन पर वार किया गया, जिससे वह लहूलुहान होकर घायल हो गया. इसके बाद उसे सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
राजस्थान से आया था परिवार
नलखेड़ा थाने के पीलवास का रहने वाला पंडा गोपाल मालवीय करीबन 3 वर्षों से साईं कॉलोनी में निवास करता है. वह 18 महीने से उसके ही घर पर अंधविश्वास फैला रहा था. पंडा खुद के भीतर कालाजी देवता आने का दावा करता था. उसके यहां बीमारियों और परेशानियों को लेकर दूर-दूर से लोग आते थे. थाना प्रभारी मुकेश गोड़ ने बताया कि मृतक गणपत नामक व्यक्ति राजस्थान के पाली जिले के रामदेवरी कलां का रहने वाला था. वह राजगढ़ आया था, जहां जातरा के दौरान उसकी मौत हो गई. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है.
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