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आदिवासी पंच के हत्यारों का आंगन बन गया श्मशान, जानें कैसे? दिल दहला देने वाली है ये कहानी

जय नागड़ा

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crematorium became courtyard killers tribal punch Khandwa news story is heart wrenching
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MP Crime News: मध्य प्रदेश के खंडवा में आदिवासी पंच की पीट-पीटकर हत्या की सनसनीखेज खबर सामने आई है. बदले में गुस्साए ग्रामीणों ने हत्या आरोपियों के घर में घुसकर मृतक पंच का अंतिम संस्कार कर डाला. ग्रामीणों का आक्रोश इतना ज्यादा था कि उन्होंने पहले शव को लेकर रोड जाम किया, इसके बाद वह शव लेकर हत्या आरोपियों के घर पहुंचे, वहां पर चिता बनाई और मृतक पंच का अंतिम संस्कार कर दिया. मौके पर भारी पुलिस बल तैनात था, लेकिन वह असहाय नजर आया. मामले में अब आदिवासी मंत्री विजय शाह का बयान भी सामने आया है, उन्होंने आदिवासी युवक की हत्या की निंदा की है और मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता दिलवाने का आश्वासन दिया है.

हत्या मामले में मृतक का शव रखकर प्रदर्शन की खबरें तो अक्सर आती हैं लेकिन किसी युवक की हत्या को लेकर लोग इतना आक्रोशित हो जाएं कि हत्यारों घर के आंगन में ही चिता लगाकर मृतक का अंतिम संस्कार कर दिया. यह चौंकाने वाली खबर खंडवा के आदिवासी बहुल खालवा क्षेत्र के ग्राम कोठा की है, जहां पर आक्रोशित ग्रामीणों ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी के बावजूद हत्या आरोपियों के घर शव ले गए और वहां पर श्मशान घाट बनाकर शव को अग्नि के सुपुर्द कर दिया. 37 वर्षीय आदिवासी युवक ग्राम पंचायत में पंच था, जिसकी उसके विरोधियो ने पीट -पीटकर हत्या कर दी थी.

शिवराज सरकार में वन मंत्री विजय शाह के निर्वाचन क्षेत्र का मामला है, जहां हाल ही में आपराधिक घटनाओं में अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी हुई है. हाल ही में इसी खालवा क्षेत्र के ग्राम देवलीकलां में दबंगों ने दिनदहाड़े दो लोगों की हत्या कर दी थी, वहीं 20 फरवरी की रात इसी क्षेत्र के ग्राम कोठा में गांव के पंच 37 वर्षीय फूलचंद पिता टेन्डे कोरकू की गांव के ही कुछ लोगों ने लाठियों से पीट -पीटकर निर्मम हत्या कर दी. फूलचंद रात 9.30 बजे जब रामू यादव के घर के सामने से निकला तो रामू ने अपने चचेरे भाई दुर्गालाल यादव और मायाराम यादव के साथ मिलकर इतना पीटा कि वह अधमरा हो गया.

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फोटो- जय नागड़ा

आरोपियों को फांसी देने की मांग की
फूलचंद के परिजन जब उसे अस्पताल लेकर जा रहे थे तो उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया. इस घटना से ग्रामीणों में इतना आक्रोश बढ़ा कि रात में ही थाने का घेराव कर आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की. पुलिस थाने में भीड़ बढ़ती गई तो  अतिरिक्त पुलिस बल बुलाना पड़ा, किसी तरह पुलिस ने ग्रामीणों को कार्रवाई का आश्वसन दिया गया, तब वह वहां से हटे. दूसरे दिन जब फूलचंद का पोस्टमार्टम हो रहा था, तभी ग्रामीणों ने फिर आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी, उन्हें फांसी देने और पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग को लेकर जनपद तिराहे पर चक्का जाम कर दिया. पोस्टमार्टम के बाद परिजन फूलचंद भी धरना स्थल पर ले आए, यहां आक्रोशित भीड़ ने आरोपियों के घर भी तोड़ने की मांग की.

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पुलिस नजर आई असहाय
इस हत्या को लेकर आदिवासियों में इतना गुस्सा नज़र आया कि उसके सामने प्रशासन भी ठिठक गया. भारी पुलिस बल की तैनाती की गई लेकिन पुलिस यहां मूकदर्शक ही बनी रही. पहले आदिवासियों ने शव के साथ जनपद तिराहे पर चक्का जाम किया और इसके बाद शव को लेकर आरोपी रामु यादव के घर ही ले गए. यहां उसकी चिता तैयार की गई और अंतिम संस्कार कर दिया गया. ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस इसमें कोई हस्तक्षेप भी करती नज़र नहीं आई. इस तरह किसी हत्या के आरोपी के घर को ही श्मशान घाट बनाकर उसमे अंतिम संस्कार करने का यह भयावह दृश्य था. पुलिसकर्मी भी यहां इसे रोकने घटनाक्रम की अपने मोबाइल से वीडियो बनाते नज़र आये.

खंडवा में आदिवासी पंच की हत्या के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने मृतक का अंतिम संस्कार हत्या आरोपियों के आंगन में कर दिया.
फोटो- जय नागड़ा

मृतक की पत्नी का दोबारा कथन ले रहे हैं, लोहे की रॉड से मारा गया है: एसपी खंडवा
खंडवा एसपी विवेक सिंह ने कहा- थाना खालवा के कोठा ग्राम में एक व्यक्ति के साथ कुछ लोगों लोहे रॉड से मारपीट की है. उसे जब 108 एंबुलेंस से अस्पताल ला रहे थे तो रास्ते उसकी मौत हो गई. इसमें मृतक की पत्नी के आवेदन पर धारा 302 एवं अन्य धाराओं में नामजद दुर्गालाल यादव, मायाराम तथा अन्य परिवार सदस्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. अभी मृतक की पत्नी के फिर से कथन लेंगे. जिसमें और भी नाम आते हैं उसके आधार पर कार्यवाही की जाएगी.

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मंत्री विजय शाह ने कहा- घृणित अपराध,
खालवा में जिस तरह एक आदिवासी की जघन्य हत्या की गई, उसकी मैं घोर निंदा करता हूं. किसी आदिवासी को मार- मारकर हत्या करने से ज्यादा घृणित अपराध कुछ और नहीं हो सकता. इस अपराध में जो भी शामिल रहे है, वे किसी भी जाति हो उन्हें छोड़ेंगे नहीं. अभी FIR में 6 नाम आये हैं. सभी को गिरफ़्तार कर लिया गया है. बाकि आरोपियों को भी छोड़ेंगे नहीं. परिवार को 8 लाख 25 हजार रुपयों की आर्थिक सहायता सरकार की ओर से देंगे. हालांकि पैसे से कोई क्षतिपूर्ति संभव नहीं है. अपराधी जल्द से जल्द फांसी के फंदे पर लटके इसके प्रयास करेंगे.

कोरकू समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीराम सुतार ने मांग की है कि प्रशासन अपराधियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करें, उन्हें खुले में फांसी दे. परिवार को आर्थिक मदद दें. परिवार को प्रोटेक्शन दे, ताकि उन्हें डराया धमकाया नहीं जाये.

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