mp news: यदि आपके दरवाजे पर कोई मर चुका इंसान जिंदा खड़ा दिखाई दे तो आप क्या करेंगे?. जाहिर सी बात है चौक जाएंगे या चीख पड़ेंगे. ऐसा ही कुछ वाकया सामने आया है मध्यप्रदेश के धार जिले से. धार जिले की बदनावर तहसील के कड़ोत गांव में रहने वाले 30 साल के कमलेश पाटीधार की मौत दो साल पहले कोविड की लहर के दौरान अहमदाबाद में हो गई थी. परिजन कमलेश को इलाज कराने धार से अहमदाबाद लेकर गए थे. लेकिन वहीं कमलेश जिसे पूरा परिवार मरा हुआ मानकर यादों में बसा चुका था, वह अचानक शनिवार को अपने एक रिश्तेदार के घर सुबह 6 बजे पहुंच गया. दरवाजा खोलते ही रिश्तेदार उसे जिंदा देख चीख पड़े.
कड़ोत गांव के रहने वाले कमलेश को दो साल पहले कोरोना हो गया था. हालत खराब होती देख परिजन धार जिले से उसे अहमदाबाद लेकर गए थे. इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था. लेकिन तब संक्रमण की दर काफी तेज थी और गाइडलाइन के चलते शव अस्पताल ने परिजनों को नहीं सौंपा और शव को पैक कराकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया था. परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन की बात पर यकीन किया और पैक्ड शव को अपना कमलेश मानकर और दूर से उसका अंतिम संस्कार देखकर वापस धार लौट आए थे.
परिवार अब कमलेश को सिर्फ यादों में बसा चुका था और उसे लेकर दुख और संताप में जी रहा था. लेकिन शनिवार को परिवार की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा जब कमलेश को उन्होंने घर के बाहर जिंदा खड़ा हुआ देखा. कमलेश के मामा और अन्य परिजन पहली बार तो उसे देखकर चीख पड़े और फिर उसे गले से लगाकर काफी देर तक रोते रहे. मुंह से बस यही आवाज निकली कि कमलेश तू जिंदा है. तू जिंदा था तो दाे साल तक कहां था और वापस आने में इतनी देर क्यों कर दी.
कमलेश की कहानी में झोल, पुलिस कर रही जांच
कमलेश ने अपनी वापसी को लेकर परिजनों को सिर्फ यही कहा कि उसे किसी गैंग ने नशीला इंजेक्शन लगाकर बंधक बना लिया था. जैसे-तैसे वह उनकी गिरफ्त से छूटकर आया है. लेकिन वो कौन सी गैंग थी और उसने कमलेश को ही बंधक क्यों बनाया था, उसका कोई जवाब कमलेश नहीं दे पाता है. मामले की जानकारी लगते ही धार जिले की पुलिस भी कमलेश के घर पहुंची. लेकिन कमलेश के परिजनों ने बताया कि वह अभी सदमे में है और ज्यादा कुछ बताने की हालत में नहीं है. फिलहाल पुलिस ने मामले की जांच-पड़ताल शुरू कर दी है और पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि अहमदाबाद के अस्पताल में कमलेश को मृत क्यों बताया था.
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