Guna News: गुना में भाजपा जिलाध्यक्ष की जमीन का नामांतरण देरी से करना नायब तहसीलदार और रीडर को महंगा पड़ गया. जमीन नामांतरण के लिए किए गए आवेदन के निराकरण में देर होने पर, शिकायत कलेक्टर तक पहुंच गई. इसके बाद रीडर को निलंबित कर दिया गया. मामले में नायब तहसीलदार को नोटिस भेजा गया है और जवाब तलब करने को कहा है.
गुना में भाजपा जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र सिकरवार ने पत्नी के नाम से जमीन खरीदी थी. जमीन खरीदने के बाद जब नामांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया था. जब नामांतरण तय समय सीमा से लेट हो गया, इसके बाद मामले की शिकायत कलेक्टर से की गई, जिस पर कलेक्टर ने जोरदार एक्शन लिया है. कलेक्टर ने इसे नियम का उल्लंघन बताया और मामले में तुरंत सख्त कार्रवाई की.
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कलेक्टर ने किया निलंबित
इस मामले की शिकायत जब कलेक्टर के पास पहुंची तो कलेक्टर फ्रेंक नोबल ने एक्शन लेते हुए नायब तहसीलदार जयप्रकाश गौतम को नोटिस जारी कर दिया. कलेक्टर फ्रेंक नोबल ने इस मामले को मप्र सिविल सेवा आचरण अधिनियम 1965 का उल्लंघन मानते हुए नायब तहसीलदार जयप्रकाश गौतम से 3 दिन के अंदर जवाब तलब करने को कहा है. वहीं रीडर संदीप अकांत को कार्य में लापरवाही बरतने पर निलंबित कर दिया गया है.
19 दिन लेट हुआ निराकरण
भाजपा जिलाध्यक्ष की पत्नी अंजू सिकरवार द्वारा 3 जनवरी 2023 को नामांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया था, लेकिन लापरवाही के चलते 1 महीने 19 दिन बीतने के बाद आवेदन का निराकरण किया गया. जबकि नियमानुसार एक महीने के भीतर आवेदन का निराकरण करना जरूरी होता है. इसके बाद मामले की शिकायत कलेक्टर के पास की गई.
3 दिन के अंदर मांगा जवाब
कारण बताओ नोटिस में इसे मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के का उल्लंघन माना गया है. नोटिस में वर्णित है कि ये कदाचार की श्रेणी में आता है, जो मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1966 के नियम 10 के अंतर्गत दंडनीय है. इस मामले में कलेक्टर ने नायब तहसीलदार जयप्रकाश गौतम को 3 दिन के अंदर जवाब तलब करने को कहा है.
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