MP Congress: मध्यप्रदेश विधानसभा के मौजूदा बजट सत्र में कांग्रेस पार्टी शिवराज सिंह चौहान सरकार से भाजपा के 18 साल के कुशासन का हिसाब मांगेगी. मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री कमलनाथ के आवास पर हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से यह फैसला किया गया. विधायक दल की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने विधायकों में जोश भरा और चुनाव के लिए तैयार करने को कहा है..
कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान लगातार झूठी घोषणाएं कर रहे हैं, लेकिन यह नहीं बताते कि इन घोषणाओं पर अमल क्यों नहीं कर रहे हैं? पिछले 20 दिन में शिवराज सिंह चौहान ने 12000 करोड़ की योजनाओं की घोषणा कर दी है. इन घोषणा को अमल में लाने के लिए बजट का कोई प्रावधान नहीं है और इसी अवधि में सरकार ने 10 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज ले लिया है.
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत पूर्व वित्त मंत्री एवं विधायक तरुण भनोट और विधायक विनय सक्सेना ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में फैसला किया गया है कि शिवराज सरकार के इस अंतिम बजट सत्र में उनके पूरे कार्यकाल का हिसाब लिया जाएगा. शिवराज सरकार ने कमलनाथ सरकार के दौरान चालू की गई जन कल्याण की योजनाएं बंद कर दी हैं. आदिवासी, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, महिलाओं और बेरोजगारों के लिए कमलनाथ सरकार में जो काम किए गए थे, उन्हें शिवराज सरकार ने बंद कर दिया.

शिवराज सरकार के पास ऐसी कौन सी टेबलेट, जिससे जनता को मिले राहत?
दोनों नेताओं ने पूछा कि इस बार मध्य प्रदेश सरकार विधायकों को टैबलेट में बजट उपलब्ध करा रही है. लेकिन हमारा सवाल यह है कि शिवराज सरकार के पास ऐसी कौन सी टेबलेट है, जिससे वे मध्य प्रदेश की जनता को राहत पहुंचाएंगे. शिवराज सरकार में मध्य प्रदेश बेरोजगारी में नंबर वन, महिला उत्पीड़न में नंबर वन, आदिवासी अत्याचार में नंबर वन और पूरे देश में कर्ज लेने में नंबर वन राज्य बनता जा रहा है. मध्य प्रदेश को इस तरह विकास के हर पैमाने पर पीछे करने के पीछे शिवराज सिंह चौहान और भारतीय जनता पार्टी की क्या मंशा है?
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इससे पूर्व बैठक को नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति, तरुण भनोट, बाला बच्चन, जीतू पटवारी, संजय यादव सहित कई विधायकों ने संबोधित किया. सभी विधायकों ने संकल्प लिया कि वह कमलनाथ के नेतृत्व में बजट सत्र में जोरदार ढंग से जनता की आवाज उठाएंगे और आगामी चुनाव में भाजपा को हराएंगे.