MP Budget 2023-24: मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन शिवराज सरकार ने विधानसभा के पटल पर आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट पेश की गई. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, आर्थिक सर्वेक्षण में जो तथ्य आए हैं, वो सिद्ध करते हैं कि MP की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है. राज्य के बजट का आधार और कर संग्रहण बढ़ता जा रहा है. MP की विकास दर में 16.34% की बढ़ोतरी हुई है. आर्थिक सर्वे के बाद सदन 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. तीन बजे के बाद सदन में हंगामा होने के आसार हैं.
सीएम शिवराज ने कहा कि मुझे कहते हुए प्रसन्नता है, ‘आर्थिक सर्वेक्षण में जो तथ्य आए हैं वह ये सिद्ध करते हैं कि मध्यप्रदेश का वित्तीय प्रबंधन अच्छा है, आर्थिक स्थिति मजबूत है. एक तरफ जहां हमने वित्तीय अनुशासन और सुशासन के साथ सर्व समावेशी विकास किया है तो वहीं दूसरी तरफ राज्य के बजट का आकार लगातार बढ़ा है. हमारा कर संग्रहण भी लगातार बढ़ रहा है.’
सीएम ने कहा- ‘मुझे यह कहते हुए गर्व है कि 2022-23 में मध्यप्रदेश की आर्थिक विकास दर में 16.43 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. यह अपने आप में सिद्ध करता है कि मध्यप्रदेश आर्थिक दृष्टि से आगे बढ़ रहा है. कोविड के बाद यह बाउंस बैक है.’
मुख्यमंत्री ने कहा- 2002 में प्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद 71594 करोड़ से बढ़कर 1322000 करोड़ हो गया है. पर कैपिटा इनकम 2002 में 11718 रुपए थी. 2022-23 में बढ़कर 140500 रुपए पर कैपिटा इनकम हुई है. सरकार पर लगातार कर्ज लेने का आरोप लगाया जाता है, लेकिन आंकड़ों के हिसाब से पहले 39.5% कर्ज लिया जाता था. 2021 – 2022 में कर्ज प्रतिशत घटकर 22.6 हो गया है. रॉयल्टी सेक्टर में भी विस्तार हुआ है. 13.4% किसानों को MSME को 30.22% ऋण दिया गया है. 521 करोड़ से ज्यादा का ऋण स्ट्रीट वेंडर्स को दिया जा चुका है.
सीएम ने कहा- सभी आंकड़े बताते हैं कि मध्यप्रदेश की आर्थिक स्थिति मजबूत है. जीएसडीपी का आकार लगातार बढ़ रहा है. करों का संग्रहण लगातार बढ़ रहा है. प्रति व्यक्ति आय लगातार बढ़ रही है.
आर्थिक सर्वे में क्या है खास
- सिंचाई क्षमता में बढ़ोतरी से मध्य प्रदेश की कृषि विकास दर में वृद्धि. वर्ष 2003 में उपलब्ध सिंचाई क्षमता 7 लाख 68 हजार हेक्टेयर से बढ़कर वर्ष 2022 में 45 लाख हेक्टेयर हुई.
- मध्य प्रदेश हेल्थ बजट ₹662 करोड़ से बढ़कर ₹10,400 करोड़ से अधिक हुआ. पैरा मेडिकल स्टाफ की संख्या में साल 2003 के मुकाबले अब तक 43,500 से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई.
- मध्य प्रदेश बना सरप्लस स्टेट, मध्यप्रदेश में जहां साल 2003 तक ऊर्जा क्षमता सिर्फ 5,173 मेगावॉट थी जो वर्ष 2022 में बढ़कर 28,000 मेगावॉट हो चुकी है.
- गेहूं के निर्यात में मध्यप्रदेश देश में नम्बर-1। देश में कुल गेहूं के निर्यात में मध्यप्रदेश की 46% भागीदारी, बीते वर्षों में गेहूं उत्पादन 169 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 600 मीट्रिक टन के पार.
- विगत वर्ष हमारा पूंजीगत व्यय 37 हजार 89 करोड़ रुपये था. हमने एक साल में उसको 23.18 प्रतिशत बढ़ाया. अब वह बढ़कर 45,685 करोड़ रु हो गया है. औद्योगिक विकास दर 2001-02 में -0.61 प्रतिशत थी. 2022-23 में बढ़कर 24 प्रतिशत हुई है.
- किसानों को ऋण वितरण में 13.41 प्रतिशत और एमएसएमई क्षेत्र को ऋण देने में 30.22 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. स्ट्रीट वेंडर्स को भी ऋण प्रदान करने में मध्यप्रदेश सबसे आगे हैं. हमने 5.25 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को 521 करोड़ रु से अधिक का ऋण दिया है.
- सकल घरेलू उत्पाद वर्ष 2001-02 में 71,594 करोड़ था जो अब बढ़कर 13 लाख 22 हजार करोड़ रुपये हो गया है. प्रति व्यक्ति आय 2001-02 में 11 हजार 718 रुपये थी, जो वर्ष 2011-12 में बढ़कर 38,497 रुपये हुई और अब वर्ष 2022-23 में बढ़कर 1 लाख 40 हजार 500 रुपये हो गई है.
विपक्ष लाएगा कटौती प्रस्ताव
राज्यपाल के कल हुए अभिभाषण पर भी चर्चा हो रही है। विपक्ष आज सदन में कटौती प्रस्ताव लाएगा. नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने राज्यपाल के अभिभाषण पर कटौती प्रस्ताव लाने की तैयारी की है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा, सरकार ने राज्यपाल से जाे भाषण दिलवाया, उसमें असफल योजनाओं का सफलतापूर्वक व्याख्यान किया गया. 2007 से 2023 तक साढे़ 13 हजार करोड़ के निवेश प्रस्तावों का उल्लेख किया, लेकिन केवल 3 लाख करोड़ का निवेश अब तक मप्र की सरकार ने विधानसभा में जवाब में बताया है. राज्यपाल से शिवराज सरकार ने झूठी वाहवाही कराई है.
जनता को गुमराह करने वाला चुनावी बजट: कमलनाथ
नेता प्रतिपक्ष के कटौती प्रस्ताव लाने के बयान पर कमलनाथ ने कहा बजट आने दो, पिछले साल का बजट आप देखिये कितना वितरण हुआ. यह बजट एक दिखावा है. गुमराह करने का चुनावी बजट होगा. यह स्पष्ट है विकास यात्रा तो एक नाटक बन गया. गांव में मनोरंजन का विषय बन गया. शिवराज जी को यह बात समझ क्यों नहीं आ रही डिजिटल बजट पर कहा ई बजट और परंपरागत बजट दोनों होना चाहिए.