Guna News: गुना में बड़े पैमाने पर सुअरों की मौत ने प्रशासन की नींद उड़ा कर रख दी है. शहर में एक के बाद एक 250 से ज्यादा सुअरों की मौत हो चुकी है. सुअरों को दफनाने में प्रशासन की सांस फूल रही है, नमक डालकर सुअरों को दफन किया जा रहा है. फिलहाल सुअरों की मौत की वजह सामने नहीं आई है. सुअरों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है. प्रशासन के पास इसका जवाब नहीं है. हालांकि डॉक्टरों ने नाम नहीं लिखने की शर्त पर बताया कि यह स्वाइन फ्लू ही है. लेकिन इसकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि अभी तक नहीं की गई है.
सुअरों की मौत को लेकर कलेक्टर ने टास्क फोर्स गठित की है, जिसमें एसडीएम वीरेंद्र बघेल, पशुपालन विभाग के उपसंचालक, नगरपालिका सीएमओ, पशुओं के डॉक्टर्स समेत नगरपालिका के अमले को तैनात किया गया है. सीएमओ नगरपालिका विनोद शुक्ला ने बताया कि सुअरों के मरने की संख्या बहुत ज्यादा है. इसलिए ट्रेंचिंग ग्राउंड में शवों को दफनाया जा रहा है. शवों को दफनाने के लिए नमक का इस्तेमाल किया जा रहा है.
सुअर पालकों को नोटिस जारी करते हुए सुअरों को बाहर छोड़ने पर रोक लगाई गई है. अगर कोई सुअर बाहर दिखाई दिया तो पालक पर कार्रवाई की जाएगी.
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खुले में कचरा फेंकने पर 5 कचरा वाहन चालकों को नोटिस
सुअरों के शवों को खुले स्थान में फेंकने पर कचरा वाहन चलाने वाले 5 ड्राइवरों को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया गया है. ट्रेंचिंग ग्राउंड में खुले स्थान पर शवों को फेंकने के कारण संक्रमण भी फैल रहा है, जिसकी शिकायत स्थानीय रहवासियों ने की थी. शव संक्रमित होने के कारण बदबू फैल रही है. सुअरों की मौत आखिर क्यों हो रही है. इसका जवाब खुद प्रशासन भी ढूंढ रहा है. शवों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी की आखिर बीमारी फैलने के क्या कारण हैं. हालांकि प्रथम दृष्टया इसे स्वाइन फ्लू माना जा रहा है.