MP POLITICAL NEWS: मध्यप्रदेश की राजनीति में सीएम शिवराज सिंह चौहान और कांग्रेस दिग्गज कमलनाथ के बीच जबरदस्त राजनीतिक द्वंद चल रहा है. अब मंगलवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने गृह जिले सीहोर के उन सभी 300 आदिवासियों की बीजेपी में वापसी करा दी, जिन्होंने कुछ दिन पहले भोपाल में पीसीसी दफ्तर जाकर कांग्रेस की सदस्यता ली थी. पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने बीते दिनों अनुसूचित जनजाति वर्ग के नेताओं की बैठक में इन 300 आदिवासी नेताओं को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई थी. सीएम शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले में की गई इस सेंधमारी को तब कमलनाथ का मास्टर स्ट्रोक कहा गया था.
कमलनाथ का यह मास्टर स्ट्रोक अधिक दिनों तक टिक नहीं पाया और मंगलवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पलटवार करते हुए उन सभी 300 आदिवासी नेताओं की बीजेपी में वापिसी करा दी. बीजेपी में वापिस आए इन 300 आदिवासी नेताओं ने कहा कि उनको आदिवासियों के कार्यक्रम की मीटिंग बताकर जबरन भोपाल स्थित पीसीसी के दफ्तर ले गए थे और उनको बहलाकर कांग्रेस की सदस्यता दिलाई गई थी. लेकिन वे सीएम शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी के लिए हमेंशा से ही समर्पित थे और आगे भी समर्पित रहेंगे. आदिवासी नेताओं के इस तरह से पलटी मार लेने के कारण अब कांग्रेस की काफी किरकिरी हो रही है.
सीएम शिवराज के गृह जिले में राजनीति इस वक्त चरम पर
सीएम शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में राजनीति इस वक्त चरम पर है. कांग्रेस ने बुधनी विधानसभा से ही 300 आदिवासी नेताओं को बीजेपी से तोड़ कांग्रेस की सदस्यता दिलाकर सीएम शिवराज सिंह चौहान की विश्वनीयता को ही चैलेंज कर दिया था. हालांकि कांग्रेस की ये खुशी ज्यादा दिनों तक नहीं रही और मंगलवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान सभी 300 आदिवासी नेताओं को बीजेपी में वापस ले आए . वहीं सीहोर के कांग्रेस जिला अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर कांग्रेस पार्टी के अंदर ही बवाल मचा हुआ है. कांग्रेस के नेता बीजेपी पर उनकी पार्टी में फूंट डालने के आरोप लगा रहे हैं.
बीजेपी बोली- डरा-धमकाकर ले गए थे कांग्रेस कार्यालय
अब इस मामले में बीजेपी के सीहोर जिला अध्यक्ष रवि मालवीय ने बताया कि ‘आदिवासी नेताओं को डरा-धमकाकर कांग्रेस कार्यालय ले जाया गया था. उनको पता भी नहीं था कि आदिवासी समाज के कार्यक्रम का बोलकर वे लोग उन्हें कांग्रेस की सदस्यता दिला देंगे’. यही बात अब बीजेपी में वापिस आए आदिवासी नेता भी बोल रहे हैं.