Ratlam News: बेगुनाह होते हुए भी झूठे गैंगरेप केस में दो साल तक जेल में रहने वाले आदिवासी युवक कांतिलाल उर्फ कांतू ने अब पुरुष उत्पीड़न के खिलाफ आवाज बुलंद कर दी है. पुरुषों को उत्पीड़न से बचाने के लिए जागरूकता लाने के लिए वह रतलाम से दिल्ली तक परिवार और साथियों के साथ दिल्ली तक की यात्रा पर निकल पड़ा है. दिल्ली पहुंचकर वह राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से मिलकर पुरुषों को उत्पीड़न से बचाने के लिए कानून बनाने की मांग करेगा.
सरकार और पुलिस के खिलाफ दस हजार छह करोड़ बीस लाख का क्षति पूर्ति का दावा लगाकर सुर्खियों में आये कांतिलाल उर्फ कांतू को बाजना पुलिस ने एक महिला के साथ हुए गैंगरेप के मामले में आरोपी बनाया गया था. इस मामले में कांतिलाल उर्फ कांतू तीन साल तक फरार रहा उसके बाद उसे पुलिस ने उसे गिरप्तार किया था. वह दो साल तक जेल में रहा.
कोर्ट से दोषमुक्त होने पर पुलिस के खिलाफ किया हजारों करोड़ का दावा
कोर्ट में केस की सुनवाई के बाद उसे गैंगरेप के मामले में दोषमुक्त कर दिया थ. अपने को झूठे गैंगरेप केस में फंसाए जाने से आहत कांतिलाल ने प्रकरण दर्ज करने वाले ओर जांच करने वाले पुलिस अधिकारियों सहित सरकार के खिलाफ प्रकरण दर्ज होने के कारण हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए 10 हजार 6 करोड़ 2 लाख रुपये क्षति पूर्ति का दावा रतलाम के न्यायालय में लगाया है. कोर्ट में इस दावे पर 15 फरवरी को सुनवाई होनी है.
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पुलिस प्रताड़ना से आहत था कांतू
पुरुषों को गैंगरेप जैसे जघन्य अपराध में फर्जी तरीके से फंसाकर प्रताड़ित करने से आहत कांतिलाल उर्फ कांतू ने आवाज उठाने की ठानी. उसने पुरुष उत्पीड़न के प्रति जागरूकता लाने के लिए रतलाम से दिल्ली तक यात्रा शुरू कर दी है. अपने परिवार और साथियों के साथ पुरुष उत्पीड़न यात्रा लेकर कांतू शनिवार को परिवार के साथ दिल्ली रवाना हुआ. रवाना होने के पहले उसने रतलाम के छत्रिपुल पर स्तिथ बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. फिर वह दिल्ली की तरफ चल पड़ा है. उनके उसकी पत्नी मीरा, मां लीलाबाई सहित उसके तीन बच्चे उसके वकील विजय यादव सहित कुछ अन्य साथी शामिल हैं.
कांतू दिल्ली पहुंचकर राष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति, गृह मंत्री आदि को ज्ञापन देकर पीड़ित पुरुषों को कानूनी अधिकार देने की मांग करेगा. यात्रा की व्यवस्था जय कुलदेवी फाउंडेशन संभाल रहा है. कांतू की प्रमुख मांग महिला आयोग के समकक्ष पुरुष आयोग का गठन करें. दोषमुक्ति पर पुरुष क्षतिपूर्ति के लिए कोर्ट जाए तो न्यायोचित कार्रवाई हो.
कांतू की यात्रा का यह रहेगा रूट
कांतू की यह पुरुष उत्पीड़न विरोधी यात्रा रतलाम से शुरू होकर, जावरा , ढोढर , मंदसौर, नीमच, निंबाहेड़ा, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, नसीराबाद, जयपुर, कोटपुतली, गुरुग्राम से होकर 30 जनवरी को दिल्ली पहुंचेगी.