MP Vidhansabha: मध्यप्रदेश विधानसभा की कार्यवाही कांग्रेस विधायकों के हंगामे के बाद 13 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई है. गुरुवार को बजट सत्र की शुरुआत हंगामा से हुई. स्पीकर गिरीश गौतम के खिलाफ कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया और इस पर चर्चा कराने के लिए कांग्रेस के विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी, वह आसंदी तक पहुंच गए. वहीं, नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा पर किताब फेंककर मारने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, सदन में मैं स्पीकर से पूछ रहा था कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कब कराएंगे? इसी बीच संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने नियम संचालन पुस्तिका मेरी ओर जोर से फेंककर मारी.
नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा, ‘हम संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा के विरुद्ध अवमानना प्रस्ताव लाएंगे. इस प्रकार के मंत्री को सदन में बैठने का अधिकार नहीं है. नेता प्रतिपक्ष के आरोप पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा, मैंने किताब नहीं मारी. मैं चपरासी को हटा रहा था.’ इसके बाद नेता प्रतिपक्ष ने संसदीय कार्यमंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की सूचना दी है. जिसमें लिखा गया है कि नरोत्तम मिश्रा का यह आचरण असंसदीय है. विधानसभा के इतिहास में नेता प्रतिपक्ष के ऊपर हमला किया जाना अत्यंत अपमानजनक है.
नेता प्रतिपक्ष का आरोप है कि सदन के भीतर नरोत्तम मिश्रा ने अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया और कार्य संचालन नियम पुस्तिका उनके ऊपर फेंक कर मारी जो उनकी टेबल के सामने आकर गिरी. संसदीय मंत्री ने सदन की मर्यादा को तार-तार किया है, आज तक सदन में ऐसा नहीं हुआ है. विधानसभा अध्यक्ष से हमने निवेदन किया है कि संसदीय मंत्री को सत्र से निलंबित किया जाए. अध्यक्ष ने कहा पत्रों को पटल पर रखा जाए.
कांग्रेस विधायकों ने किया जोरदार हंगामा
संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा सरकार तो पूरा सदन चलाना चाहती है, पर कांग्रेस के पास कहने को कुछ नहीं है इसलिए ये सदन नहीं चलने देना चाहते हैं. कांग्रेस ने सदन में फेंके कागज और जमकर नारेबाजी की. इसके बाद सदन में विपक्षी विधायकों ने जमकर हंगामा किया. जिस पर अध्यक्ष ने पहले सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित की, इसके बाद भी जब हंगामा नहीं रुका तो स्पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही 13 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी.
ये भी पढ़ें: विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ कांग्रेस लाई अविश्वास प्रस्ताव; हंगामे के बीच विधानसभा 13 मार्च तक के लिए स्थगित
कमलनाथ बाहर थे, इसलिए नहीं कर पाए हस्ताक्षर
इससे पहले विधानसभा स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने की सूचना नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने विधानसभा के पीएस एपी सिंह को अविश्वास प्रस्ताव की सूचना दी. इसमें 48 विधायकों के हस्ताक्षर हैं. लेकिन कमलनाथ के साइन नहीं हैं. इस पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा- प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने अविश्वास प्रस्ताव पर सहमति दे दी, लेकिन साइन नहीं किए. अविश्ववास प्रस्ताव पर कमलनाथ के साइन नहीं होने पर सज्जन वर्मा ने कहा कि वे आज जोबट में हैं. नेता प्रतिपक्ष बोले कि हमने उनके साथ बैठकर ही अविश्ववास प्रस्ताव का निर्णय लिया था.
कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा- सरकार पत्रकारिता का अपमान कर रही
पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा- ‘कुछ पत्रकार साथियों ने सूचना दी है कि विधानसभा की कवरेज करने से उन्हें रोका गया, जिसके खिलाफ वे धरने पर बैठ गए, तब कहीं जाकर उन्हें कवरेज की अनुमति मिली. शिवराज सरकार ने कल कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को गलत तरीके से निलंबित करवा कर विधायिका का अपमान किया और आज कवरेज करने से रोक कर पत्रकारिता का अपमान कर रहे हैं. मध्य प्रदेश की जनता आपका यह अत्याचार देख रही है और सबक सिखाने को तैयार है.
ये भी पढ़ें: जीतू पटवारी बजट सत्र से निलंबित, कांग्रेस विधायकों का विधानसभा में जमकर हंगामा; कमलनाथ ने कहा- ये गलत
इनपुट- भोपाल से रवीशपाल सिंह, इज़हार हसन खान