Bageshwar Dham Controversy: मालवा क्षेत्र के प्रसिद्ध अन्नपूर्णा शक्तिपीठ सेमलीया कालूखेड़ा में लगभग 2 सालों से अनवरत एक आसन लगाकर अखंड रुद्र चंडी यज्ञ कर रहे बाबा कालिदास महाराज हरियाणा के शिष्य स्वामी मधुसूदनानंद महाराज भी अब बागेश्वर धाम के महंत पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन में आगे आये हैं. उन्होंने गुरुवार को विधर्मियों को चुनौती देते हुए कहा कि सनातन पर बार-बार आरोप लगाकर कुठाराघात करना बंद करें. देश में सनातनी हिंदू जाग रहा है और अगर सनातन धर्म को आंच आई और विधर्मी ऐसे ही धर्म को बदनाम करेंगे तो सनातन समाज के करोड़ों हिंदू 5 हजार साल पुरानी महाभारत को दोहराएंगे.
स्वामी मधुसूदनानंद महाराज ने कहा, “हिंदू समाज के लाखों लोगों ने धर्म बदल लिया था, वह घर वापसी करना चाहते हैं. लेकिन उन लोगों को रोका जा रहा है, डराया जा रहा है और डराने वाले वह लोग हैं, जो विदेशी आतंकवादी संगठनों से पैसा लेकर भारत को तोड़ने की साजिश कर अपनी सत्ता जमाना चाहते हैं. भारत में माहौल खराब कर हिंदू सनातन को तोड़कर सत्ता में आना चाहते हैं. आतंकवाद फैलाना चाहते हैं इसमें देश के कुछ चाटुकार राष्ट्र विरोधी नेता भी हैं.”
जिन्हें भारत से प्रेम नहीं, वह देश छोड़ दें
स्वामी जी ने आगे कहा, ‘भारत के लाखों सनातनी हिंदू भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का संकल्प लेकर काम कर रहे जो कि कुछ विद्रोही लोगों को पसंद नहीं हैं. हिंदू राष्ट्र बनाने के विरोधी जिनको भारत में अंधविश्वास दिखता है. यहां के धर्म और संस्कृति से प्रेम नहीं वह भारत छोड़ दें.’
बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र शास्त्री ने कुश्ती के वीडियो को किया खारिज, बोले- मैं यहां का पहलवान
राष्ट्रविरोधी भारत छोड़ें
वर्तमान में हिंदू समाज की लड़कियां लवजिहाद का शिकार बनते जा रहे हैं. रेप केस बढ़ रहे हैं, जिससे हिंदू लड़कियां डरी हुई हैं. सरकार को कठिन कानून बनाना चाहिए. साथ ही जनसंख्या नियंत्रण कानून और धर्म परिवर्तन कराने वाले लव जिहादियों को फांसी देने का प्रावधान लाया लाए.
आशुतोष राणा की भागवत कथा में पहुंचे कैलाश विजयवर्गीय, गाया भजन; जमकर झूमे भक्त
रामचरित मानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करे सरकार
भारत में हिंदू ग्रंथों का अपमान होता है, हिंदू मंदिर तोड़े जाते हैं. ऐसे लोगों को देश में नहीं रहना चाहिए. मैं सनातन हिंदू समाज का आह्वान करता हूं कि अब जागो, एक हो और भारत को हिंदू राष्ट्र बनाकर सनातन को विश्व स्तर पर पहुंचाएं.
सरकार से उन्होंने मांग की है कि भारत विरोधी तमाम गतिविधियों जहां हिंदू विरोधी राष्ट्र विरोधी आतंकवाद जैसी गतिविधियां होती हैं उन पर प्रतिबंध लगाएं और रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करें.