GWALIOR NEWS: मध्यप्रदेश के ग्वालियर में समाजवादी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य व 8 अन्य लोगों पर हिंदू महासभा ने एफआईआर दर्ज करा दी. समाजवादी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस को लेकर विवादित टिप्पणी की थी तो वहीं कुछ अन्य लोगों ने उत्तरप्रदेश में रामचरित मानस की प्रतियां जलाईं थीं. इसी मामले में हिंदू महासभा ने ग्वालियर क्राइम ब्रांच थाने में धारा 153ए के तहत स्वामी प्रसाद मौर्य व 8 अन्य लोगों पर एफआईआर दर्ज करवाई. उल्लेखनीय है कि रामचरित मानस विवाद में मध्यप्रदेश में हुई यह पहली एफआईआर है.
एफआईआर के होने के बाद इसका विरोध भी शुरू हो गया. ओबीसी महासभा ने पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध किया. ओबीसी महासभा के पदाधिकारियों ने कहा कि वे इस एफआईआर का विरोध करते हैं और स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में ओबीसी महासभा के कार्यकर्ता और नेता एक बड़ा आंदोलन करेंगे. वहीं हिंदू महासभा के अध्यक्ष जयवीर भारद्वाज ने बताया कि वे पिछले 24 घंटे से समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य व रामचरित मानस की प्रतियां जलाने वाले 8 अन्य लोगों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग कर रहे थे. ग्वालियर पुलिस ने उनकी मांग को पूरा किया और इन सभी पर एफआईआर दर्ज कर ली.
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इन लोगों पर दर्ज हुई है एफआईआर
ग्वालियर क्राइम ब्रांच थाने में जो एफआईआर हिंदू महासभा ने दर्ज करवाई है, उसके अनुसार आईपीसी की धारा 153ए और धारा 295 के तहत समाजवावादी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य, देवेंद्र प्रताप यादव, यशपाल सिंह लोधी, सतेंद्र कुशवाहा, महेंद्र प्रताप सिंह यादव, सुनील यादव, नरेश सिंह, एसएस यादव, संतोष वर्मा के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है. हिंदू महासभा ने इन सबके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए आवेदन दिया था और इसके लिए हिंदू महासभा पिछले 24 घंटे से ग्वालियर में आंदोलन चला रही थी.
स्वामी प्रसाद मौर्य का मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में हो रहा है विरोध
रामचरित मानस को लेकर की गई टिप्पणी के कारण समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में विरोध हो रहा है. कई जिलों में बीते 24 घंटे में उनके पुतले जलाए गए हैं. लेकिन एफआईआर सिर्फ ग्वालियर में दर्ज हुई है. छिंदवाड़ा में भी करणी सेना द्वारा स्वामी प्रसाद मौर्य का पुतला जलाया गया और पुलिस से स्वामी प्रसाद मौर्य और प्रतियां जलाने वालों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है. इससे एक दिन पहले शिवपुरी में भी इस मामले में रामचरित मानस का अपमान करने वालों का पुतला दहन किया गया था. कुल मिलाकर इस मामले में मध्यप्रदेश के अलग-अलग शहरों में विभिन्न संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
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