Satna News: सतना में एक डीएनए रिपोर्ट मां और पिता के लिए वरदान साबित हुई. मां की सूनी गोद बच्चे से खुशहाल हो गई और बच्चे को पाकर मां बिलख उठी. डीएनए रिपोर्ट की वजह से 14 माह के बच्चे की घर वापसी कराई है. बच्चे को गोद में पाते ही मां फफक पड़ी तो वहीं जिला बाल कल्याण समिति की चेयरपर्सन राधा मिश्रा की आंखें भी नम हो गईं.
दरअसल, मैहर के जीतनगर में पुलिस को 12 नवम्बर 2021 को झाड़ियों में एक नवजात लावारिस हालत में मिला था. पुलिस ने नवजात को दस्तयाब कर जिला अस्पताल में भर्ती कराया और फिर इसकी सूचना चाइल्डलाइन को दी. घटना के दूसरे दिन ही एक लड़की और लड़का मैहर थाना पहुंचे और खुद को बच्चे का माता-पिता बताया. पुलिस ने बच्चे को सीधा देने से इनकार कर दिया. उल्टा नवजात को झाड़ियों में फेंकने के जुर्म में पुलिस ने लड़का-लड़की के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी.
झाड़ियों में फेंकने की वजह से छह माह की सजा भी हुई
पुलिस कार्रवाई के बाद मामला कोर्ट पहुंचा और कोर्ट ने दोनों को 6 माह की सजा सुनाई. जिला बाल कल्याण समिति के आदेश के बाद बच्चे को मातृछाया भेज दिया गया. सजा होने से पहले बच्चे की कथित मां जिला बाल कल्याण समिति पहुंचकर चेयरपर्सन राधा मिश्रा के पास पहुंचकर बच्चा वापस लेने की इच्छा जाहिर की. बाल कल्याण समिति ने प्रथम सत्र न्यायाधीश की कोर्ट को पत्र लिखकर मां-बाप की सजा कम करने का आग्रह किया और साथ में यह भी गुजारिश की कि डीएनए टेस्ट के जरिये मां-बाप होने की पुष्टि करने का आदेश दिया जाए.
पुलिस ने मां-पिता का कराया डीएनए टेस्ट
लिहाजा कोर्ट ने पुलिस को बच्चा समेत मां-बाप का डीएनए टेस्ट कराने के निर्देश जारी किए. बाल कल्याण समिति की सिफारिश पर मां-बाप की सजा भी कम कर दी गई. जेल से छूटने के बाद पूजा मौर्य और पुष्पेंद्र ने आपस में शादी की और एक लंबी प्रक्रिया के बाद बच्चे को मंगलवार को दोनों के सुपुर्द कर दिया. बच्चे को पाकर मां विलख पड़ी और उसके आंसू झरने लगे और लगातार रोती रही.
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