Women Premier League: विमेंस प्रीमियर लीग (WPL) के लिए सोमवार (13 फरवरी) को मुंबई में ऑक्शन चल रहा है. इसमें मध्य प्रदेश के लिए बड़ी खबर निकलकर सामने आई है. प्रदेश के आदिवासी जिले शहडोल की आलराउंडर क्रिकेटर पूजा वस्त्राकर पर बड़ी बोली लगी है और बोली लगाने वाली टीम है नीता अंबानी की मुंबई इंडियन. पूजा छोटे से शहर से निकलकर मुंबई इंडियंस का हिस्सा बन गई हैं. उन्हें मुंबई इंडियन ने 1.90 करोड़ की बोली लगाकर खरीदा है.
बेटी की इस सफलता से पूरा परिवार खुश है. जिस मैदान में पूजा प्रैक्टिस करती थीं, वहां पर खेलने वाले क्रिकेटर्स का उत्साह बढ़ा हुआ है. अब यहां भी बच्चे पूजा वस्त्राकर जैसा बनना चाहते हैं.
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की आल राउंडर पूजा वस्त्रकार को अब मुंबई इंडियंस टीम का हिस्सा होंगी. महिला आईपीएल 2023 के लिए चल रही नीलामी में मुंबई इंडियंस ने भारतीय ऑलराउंडर पूजा वस्त्राकर को खरीदने के लिए 1.90 करोड़ की बड़ी बोली लगाई. पूजा टीम इंडिया की अनुभवी ऑलराउंडर हैं. उन्होंने टीम इंडिया के लिए तीनों फॉर्मेट में क्रिकेट खेला है. सीधे हाथ से मीडियम फास्ट बॉलिंग के साथ पूजा बल्लेबाज़ी में बड़े शाट्स लगाने के लिए जानी जाती हैं. पूजा निचले क्रम पर आक्रामक बल्लेबाज़ी करती हैं और कई बार टीम को जरूरत पड़ने पर शानदार बैटिंग कर जीत दिलाई है.
ऐसा है पूजा का कैरियर
पूजा ने अब तक टीम इंडिया के लिए कुल 2 टेस्ट, 26 वनडे और 44 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं. टेस्ट में बल्लेबाज़ी करते हुए उन्होंने 37 रन बनाए हैं और गेंदबाज़ी करते हुए 5 विकेट चटकाए हैं. वहीं, वनडे में उन्होंने बैटिंग करते हुए 23.15 की औसत से 463 रन बनाए हैं और गेंदबाज़ी में 37.55 की औसत से 20 विकेट झटके हैं. टी20 इंटरनेशनल में बल्लेबाज़ी करते हुए उन्होंने 125.36 के स्टाइक रेट 257 जड़े हैं. गेंदबाज़ी में 23.27 की औसत से कुल 29 विकेट अपने नाम किए हैं.
बेटी की उपलब्धि पर पिता को गर्व
बेटी के आईपीएल में खेलने को लेकर सबसे ज्यादा खुशी और गर्व पूजा वस्त्राकर के पिता बंधनराम वस्त्राकर को है. उनका कहना है कि पूजा पांचवीं में पढ़ती थी, तभी से बल्ला उठाकर मैदान में खेलने पहुंच जाती थी और आज वह दिन है कि उसने विश्व क्रिकेट में धूम मचा दी है. उन्होंने कहा कि उन्हें बड़ा गर्व हो रहा है क्योंकि उनकी बेटी मुंबई इंडियंस के लिए खेलेगी और एक सामान्य से परिवार से इतने बड़े मुकाम पर पहुंची है. उन्होंने यह भी बताया कि दो बार घुटने की चोट के बाद भी उसने अपनी प्रैक्टिस को जारी रखी थी. उसका लक्ष्य था क्रिकेट.. क्रिकेट और सिर्फ क्रिकेट… कोरोना काल में जब घर में थी, तब भी वह लगातार छत पर प्रैक्टिस में लगी रहती थी और फिजिकल अभ्यास करती थी.
कोच आशुतोष श्रीवास्तव ने कहा- मेरे शब्द नहीं हैं, मैं इतना खुश
महात्मा गांधी स्टेडियम शहडोल में पूजा को क्रिकेट की बारीकियां सिखाने वाले कोच आशुतोष श्रीवास्तव का कहना है कि मेरे पास तो खुशी जाहिर करने के लिए शब्द ही नहीं है. उन्होंने कहा कि मुझे बहुत ही खुशी है कि जिस बेटी को उन्होंने इतने अच्छे ढंग से सिखाया. आज वह इतने अच्छे मुकाम पर पहुंची है और यह न केवल मेरे लिए बल्कि पूरे शहडोल पूरे मध्यप्रदेश के लिए गौरव की बात है.