मुख्य खबरें राजनीति

यादें: शरद यादव ने एमपी में सीखा राजनीति का ककहरा, बिहार में हासिल किया रुतबा

Sharad Yadav Death: जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का गुरुवार रात 75 साल की उम्र में निधन हो गया. दिल्ली के छतरपुर में उनके आवास पर पर्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है. गृहमंत्री अमित शाह, राहुल गांधी, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर ने उन्हें उनके निवास पहुंचकर श्रद्धांजलि दी. उनकी […]
Sharad Yadav Death, MP News, Hoshangabad News

Sharad Yadav Death: जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का गुरुवार रात 75 साल की उम्र में निधन हो गया. दिल्ली के छतरपुर में उनके आवास पर पर्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है. गृहमंत्री अमित शाह, राहुल गांधी, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर ने उन्हें उनके निवास पहुंचकर श्रद्धांजलि दी. उनकी अंतिम इच्छा के मुताबिक, कल होशंगाबाद के बाबई तहसील के आंखमऊ गांव में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

हर साल होली पर गांव आते थे और यहां के लोगों के साथ होली खेलते और अपने गांव समेत आसपास के चार पांच गांवों को भोजन कराते थे. शरद यादव की अंतिम इच्छा थी कि उनका अंतिम संस्कार उनके गृह गांव आंखमऊ के बगीचे में कराया जाए. उनके भतीजे शैलेश यादव ने बताया कि उनका पार्थिव शरीर सुबह 9 बजे पहुंचेगा और हम उनकी अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे हैं. उनका अंतिम संस्कार उसी बगीचे में हाेगा, जहां वह बचपन में खेले. जब भी आते तो इसी बगीचे में घूमते थे और गांव और क्षेत्र के लोगों से हालचाल लिया करते थे.

वह (शरद यादव) जब गांव आते और यहां से जाने लगते तो एक बात बार-बार दोहराया करते थे… भीनी भीनी तेरी यादें, दिल में संजोकर जाता हूं… शरद यादव ने मध्य प्रदेश के जबलपुर से राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और यहां से पहली बार सांसद बने, इसके बाद बिहार में राजनीतिक रुतबा हासिल किया और फिर वह तीन दशक तक बिहार की राजनीति की धुरी बन रहे.

Sharad yadav Death
तस्वीर: जितेंद्र वर्मा, एमपी तक

पहली बार जबलपुर से बने सांसद 
उनका राजनीतिक करियर तो छात्र राजनीति से ही शुरू हो गया था, लेकिन सक्रिय राजनीति में उन्होंने साल 1974 में पहली बार जबलपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा. यह सीट हिंदी सेवी सेठ गोविंददास के निधन से खाली हुई थी. जेपी आंदोलन का था. जेपी ने उन्हें हल्दर किसान के रूप में जबलपुर से अपना पहला उम्मीदवार बनाया था. शरद इस सीट को जीतने में कामयाब रहे और पहली बार संसद भवन पहुंचे. इसके बाद साल 1977 में भी वे इसी सीट से सांसद चुने गए. उन्हें युवा जनता दल का अध्यक्ष भी बनाया गया. इसके बाद वे साल 1986 में राज्यसभा के लिए चुने गए.

Sharad yadav Death
तस्वीर: जितेंद्र वर्मा, एमपी तक

जबलपुर और मधेपुरा के साथ ही यूपी के बदायूं से भी एक बार रहे सांसद 
शरद यादव तीन राज्यों से लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं. बिहार के मधेपुरा से 4 बार, मध्यप्रदेश के जबलपुर से 2 बार और उत्तर प्रदेश के बदायूं से 1 बार सांसद चुने गये. राज्यसभा जाने के तीन साल बाद 1989 में उन्होंने उत्तर प्रदेश की बदायूं लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीता भी. यादव 1989-90 तक केंद्रीय मंत्री रहे. उन्हें टेक्सटाइल और फूड प्रोसेसिंग मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया था.

1997 में उन्हें जनता दल का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया
1991 में वे बिहार के मधेपुरा लोकसभा सीट से सांसद बनते हैं. इसके बाद उन्हें 1995 में जनता दल का कार्यकारी अध्यक्ष चुना जाता है और साल 1996 में वे 5वीं बार सांसद बनते हैं. 1997 में उन्हें जनता दल का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जाता है. इसके बाद 1999 में उन्हें नागरिक उड्डयन मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया और 1 जुलाई 2001 को वह केंद्रीय श्रम मंत्रालय में कैबिनेट मंत्री चुने गए. 2004 में वे दूसरी बार राज्यसभा सांसद बने. 2009 में वे 7वीं बार सांसद बने, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें मधेपुरा सीट से हार का सामना करना पड़ा.

मध्य प्रदेश की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए Mp Tak पर क्लिक करें
जंगल सफारी के शौकीनों के लिए आई खुशखबरी! अब कर सकेंगे टाइगर का दीदार सबसे कम उम्र में CA क्रैक करने वाली नंदिनी ने ऐसे लिखी कामयाबी की इबारत कैसे शुरू हुई थी IAS टीना डाबी और प्रदीप गांवडे की लव स्टोरी? टीना डाबी से कहीं ज्यादा सुंदर हैं IAS अतहर की बीबी, देखें 8 अनदेखी तस्वीरें आगरा से पहले MP में बना था ‘ताजमहल’, रोचक है इतिहास इंदौर की बेटी ने इस स्पर्धा में देश को जिताया 41 साल बाद गोल्ड, जानें आज कल क्या कर रहे हैं टीना डाबी के पहले पति अतहर आमिर, जानें बागेश्वर धाम की कथा करवाना चाहते हैं? तो जानें कितना आएगा खर्च! लोहे को सोना बना देता है चमत्कारी पारस पत्थर, MP के इस किले में है मौजूद… महाराणा प्रताप के वंशज लक्ष्यराज सिंह जानें किस काम में हैं माहिर? टीना डाबी चाहें तो रख सकती हैं मर्सिडीज-बीएमडब्यू, लेकिन उन्हें पसंद है ये कार जवानों का आसमां में करतब देख हलक में अटक जाएगी जान गाड़ी, बंगला, नौकर-चाकर… MP में क्या है एसडीएम की पावर, कितनी होती है सैलरी? किसान की बेटी ने एशियन गेम्स में जीता मेडल, भाई से मिली प्रेरणा ने बनाया स्टार दादी की वो कौन सी भविष्यवाणी जो टीना डाबी को लेकर हो गई सच? इस आलीशान महल में रहते हैं ग्वालियर के महाराजा सिंधिया, देखें अनदेखी तस्वीरें मां बनने के बाद कितनी बदल गई IAS टीना डाबी की जिंदगी? जानें कौन हैं IPS मनोज शर्मा? जिन पर बन रही फिल्म 12वीं फेल कौन हैं शूटर ऐश्वर्य प्रताप, जिन्होंने एशियन गेम्स में लगाया गोल्ड पर निशाना? अनोखी खूबियों से लैस है देश का पहला साउंड प्रूफ हाईवे, जानें क्यों है चर्चा में?