छतरपुर: मुस्लिम महिला को गौ सेवा करना पड़ा भारी, समाज ने किया बहिष्कार; जानें पूरा मामला
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Chatarpur News: मध्यप्रदेश के छतरपुर में एक मुस्लिम महिला को गौ सेवा करनी भारी पड़ गया. महिला का समाज ने बहिष्कार कर दिया है. गौ सेवा के कारण उसके समाज के लोग ताने मारते हैं और भद्दे-भद्दे कमेंट करते हैं. समाज ने अब उसे आयोजनों में बुलाना बंद कर दिया है. उसके साथ उठना-बैठना एवं मदद करना और कराना दोनों बंद कर दिया है. ऐसा भी नहीं है कि महिला अपने समाज को न मानती हो वह नमाज भी अता करती है. बाबजूद इसके भी उसे बहिष्कार भी झेलना पड़ रहा है.
अब महिला ने इसकी लिखित शिकायत कलेक्टर से करते हुए न्याय की गुहार लगाई है. मुस्लिम महिला का कहना है कि मैं गौ सेवा नहीं बंद करूंगी, भले ही समाज मुझे छोड़ दे.
कौन है ये महिला
मुस्लिम महिला मर्जीमी बानो, नए मोहल्ले के पीछे शेख की बगिया में रहती हैं, जोकि पिछले चार सालों से गायों की सेवा करते हुए पन्ना रोड पर स्थित नंदीधाम गौशाला में जाती हैं. उनकी मदद उनकी 22 वर्षीय बेटी जैनम खान करती है जो अपनी मां को रोजाना स्कूटर पर बिठाकर गौशाला ले जाती है, जिसके बाद मां-बेटी दोनों रोजाना करीब चार घंटे तक गायों की सेवा करती हैं. उन्हें चारा, खिचड़ी, भूसा खिलाना एवं समय पर पानी पिलाना शामिल है.
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इस तहत की सेवा यह मां-बेटी लगातार कर रही है जिसके कारण उन्हें अपने समाज के लोगो के कमेंट एवं वहिष्कार को झेलना पढ़ रहा है मगर उनके इरादे नेक एवं पक्के है इसलिए उनका सिर्फ यही कहना है कि चाहे समाज छोड़ दूंगी, मगर गौसेवा नहीं. उधर, गौशाला में काम करने बाले कर्मचारी का कहना है कि हमारी यह मैडम बहुत अच्छी है और हम लोगों का हाथ बढ़ाते हुए गायों की सेवा करीब चार सालों से कर रही है और वह बड़े ही मन से गायों की सेवा करती है.
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समाज भले छोड़ना पड़े, गौ सेवा नहीं छोड़ सकती
महिला ने कहा- ‘मैं गौ सेवा करती हूं, इसलिए समाज के लोग हमसे नफ़रत करने लगे और मोहल्ले वाले कमेंट करती हैं, जिससे हम परेशान हो चुके हैं. इसलिए हमने कलेक्टर सर को लिखित शिकायत करके उनसे न्याय मांगा है. मैं अपने समाज को मनाती हूं और नमाज भी पढ़ती हूं, फिर भी मेरा विरोध एवं समाज से बहिष्कार किया गया. हमें कार्यक्रमों में नहीं बुलाया जाता है. लोग कमेंट भी करते हैं, लेकिन हमारे इरादे नेक हैं. इसलिए में गौसेवा नहीं छोडूंगी चाहे समाज क्यों न छोड़ना पड़े.
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