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कमलनाथ से मिलीं इस्तीफा देने वाली SDM निशा बांगरे, शिवराज सरकार पर लगाया ये बड़ा आरोप

इज़हार हसन खान

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MP Election 2023: छतरपुर के लवकुश नगर में एसडीएम पद से इस्तीफा देने वाली निशा बांगरे एक बार फिर सुर्खियों में हैं. निशा बांगरे ने शुक्रवार को पूर्व सीएम कमलनाथ से मुलाकात की और इसे पूरी तरह से गोपनीय रखा. उन्हाेंने कमलनाथ से मिलने के बाद न तो कोई फोटो जारी की और न ही कोई वीडियो. ये भेंट भोपाल में पीसीसी चीफ कमलनाथ के आवास पर हुई. जिसके बाद से ही निशा बांगरे के कांग्रेस से चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे हैं. कमलनाथ से मिलने के बाद निशा बांगरे ने शिवराज सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

कमलनाथ से मिलने की बात को स्वीकार करते हुए निशा बांगरे ने कहा कि इस्तीफे के बाद मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है. जिसे लेकर कमलनाथ जी की संवेदनाए मेरे साथ हैं. निशा बांगरे का इस्तीफा अभी मंजूर नहीं हुआ है, लेकिन कमलनाथ से मुलाकात के बाद अटकलें तेज हो गई हैं कि वह बैतूल जिले के आमला विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ सकती हैं. निशा बांगरे ने शिवराज सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि एमपी में अनुसूचित जाति की महिला के साथ अन्याय और अत्याचार बढ़ रहे है. डिप्टी कलेक्टर ने कहा कि इस्तीफा दिया लेकिन उसे स्वीकार करने की बजाय अब सरकार परेशान कर रही है.

निशा बांगरे ने बताया, “इस्तीफे के बाद मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है. परेशान करने की कोशिश की जा रही है, ऐसे में कमलनाथ जी की संवेदनाएं हमारे साथ हैं.” चुनाव लड़ने के सवाल पर निशा ने कहा कि अभी कुछ नहीं कह सकती हैं. ‘कमलनाथ जी से मुलाकात व्यक्तिगत थी, राजनीतिक नहीं. सर्वधर्म कार्यक्रम के बाद लोगों का सकारात्मक रिस्पांस रहा है लोगों का. शासन प्रशासन के रोकने के बावजूद, मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है और संवैधानिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है. इससे मैं और मेरा परिवार दुखी है, ऐसे में आगे मैं नहीं जानती हूं कि हमारे साथ क्या होगा. ऐसे में कमलनाथ जी से मिली थी.’

अब नौकरी में वापस नहीं जाऊंगी: निशा बांगरे
छुट्टी न मिलने की वजह से नहीं बल्कि सर्व धर्म प्रार्थना में सम्मिलित होने की अनुमित न मिलने के कारण उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया है. निशा बांगरे ने कहा कि कमलनाथ की संवेदनाएं उनके साथ हैं. चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा अगर सरकार इसी तरह परेशान करती रही तो दूसरा कोई रास्ता नहीं है. राजनीति से कोई परहेज़ नहीं, लेकिन नौकरी में रहते कभी ऐसा नहीं सोचा था. बता दें कि निशा बांगरे के इस्तीफा दिए जाने के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने उन्हें भोपाल के सरकारी आवास पर अवैध कब्जा रखने पर नोटिस भेजा था. जिसे लेकर कांग्रेस के पूर्व सीएम और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने शिवराज सरकार की आलोचना की थी. उन्होंने कहा था कि दुख की बात है कि एससी वर्ग की डिप्टी कलेक्टर महिला के साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है.

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क्यों दिया था एसडीएम निशा बांगरे ने इस्तीफा?
दरअसल निशा बांगरे ने आमला में नवनिर्मित अपने मकान में गृह प्रवेश के लिए अवकाश मांगा था, इसके साथ ही सर्वधर्म शांति सम्मेलन का कार्यक्रम भी 25 जून को होना था. कार्यक्रम के संयोजक निशा बांगरे के पति थे. एसडीएम बांगरे ने सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र लिखकर सर्वधर्म शांति सम्मेलन में शामिल होने और गृह प्रवेश के लिए अवकाश और अनुमति मांगी थी, लेकिन सरकार ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी, इसके बाद एसडीएम निशा बांगरे ने इसे बड़ी वजह बताते हुए इस्तीफा दे दिया. सर्वधर्म सभा की अनुमति प्रशासन से नहीं लेने और विदेशी पर्यटकों को शामिल करने पर आयोजन समिति को नोटिस भी जारी किया गया था.

कमलनाथ से मुलाकात की इतनी चर्चा क्यों?
एसडीएम बनने के बाद निशा बांगरे आमला में करीब डेढ़ साल तक पदस्थ रही हैं. आमला में उन्होंने बतौर एसडीएम अच्छा काम किया. अपने अच्छे काम की वजह से वह काफी लोकप्रिय हो गई थीं. इसके बाद उनका तबादला भोपाल और बाद में उनका तबादला छतरपुर के लवकुशनगर में कर दिया गया था. निशा बांगरे आमला में छह महीने से पति के साथ मिलकर लोगों से संपर्क कर रही हैं. बांगरे अनुसूचित जाति (SC) वर्ग से आती हैं और आमला विधानसभा क्षेत्र भी अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है. वर्तमान में यहां से भाजपा के योगेश पंडाग्रे विधायक हैं.

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कमलनाथ से मिलने के बाद उनके चुनाव लड़ने की अटकलों ने जाेर पकड़ लिया है, संभावना जताई जा रही है कि कांग्रेस उन्हें आमला से टिकट दे सकती है. बैतूल में 5 विधानसभा सीटें हैं, जिसमें 4 पर कांग्रेस का कब्जा है. सिर्फ आमला सीट ही भाजपा के पास है. ऐसे में निशा बांगरे की प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ से मुलाकात के बाद माना जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी उन्हें आमला से मैदान में उतार सकती है.

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