इंदौर के सरकारी अस्पताल में नवजात शिशुओं की मौत से हंगामा, 6 दिन में 20 बच्चों की गई जान
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![इंदौर के सरकारी अस्पताल में नवजात शिशुओं की मौत से हंगामा, 6 दिन में 20 बच्चों की गई जान Uproar due to the death of newborns in Indore government hospital, 20 children died in 6 days](https://akm-img-a-in.tosshub.com/lingo/mptak/images/story/202307/indore-hospital-768x432.jpg?size=948:533)
Indore News: इंदौर के महाराजा तुकोजी राव होलकर (MTH) में एक दिन में 15 नवजात बच्चों की मौत की खबर ने हड़कंप मचा दिया. हालांकि बाद में ये अफवाह निकली, लेकिन एक दिन में दो बच्चों की उपचार के दौरान मौत सही साबित हुई. बता दें कि 6 दिनों में इंदौर के इस अस्पताल में 64 बच्चों की डिलेवरी हुई थी. वहीं इस दौरान 20 बच्चों की मौत हो गई है. MTH में हर रोज 100 से अधिक बच्चे एडमिट रहते हैं. आज यानि गुरुवार को जिन दो बच्चों की मौत हुई है. उसकी वजह चौंकाने वाली है, बताया जा रहा है कि बच्चों को सांची का दूध पिलाया गया था. परिजनों ने बच्चों को सांची का दूध पिलाने का आरोप लगाया और जमकर हंगामा किया. इस आरोप के बाद कलेक्टर ने एडीएम को जांच के आदेश दिए हैं.
हालांकि हंगामे के बाद अफवाह फैल गई कि अस्पताल में दूध पीने से कई बच्चों की मौत हो गई. जिला प्रशासन तुरंत हरकत मे आया और इस अफवाह का खंडन किया. अस्पताल के एसएनसीयू इंचार्ज सुनील आर्य के अनुसार ऐसा कुछ नहीं हुआ है. बच्चों की मौत की खबर वायरल होने के बाद कांग्रेस के विधायक जीतू पटवारी, संजय शुक्ला और कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री शोभा ओझा एमटीएच अस्पताल पहुंचीं और वास्तविक स्थिति का जायजा लिया.
ऐसे फैली बच्चों के मौत की खबर
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इंदौर के एक एमडीएच अस्पताल में कुछ व्यक्तियों द्वारा हंगामा किए जाने की ख़बर के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो और पॉइंट चलना शुरू हो जाता है कि इंदौर के एमटीएस अस्पताल में दूध पीने से 15 बच्चों की मौत हो गई. लेकिन जब सच्चाई सामने आई तो पता चला कि आज दो बच्चों की मौत हुई है. एमटीएच अस्पताल में 15 बच्चों की मौत की खबर से सनसनी फैल गई, जिसके बाद आनन-फानन में प्रशासनिक अधिकारी भी यहां पहुंच गए. जब यहां भर्ती शिशुओं के माता-पिता से बात की गई उन्होंने कहा कि 1 दिन में नहीं बल्कि हर रोज चार पांच बच्चों की मौत हो रही है.
इस मामले में एक जो बच्चे की मौत हुई है, उसमें डॉक्टरों का कहना है कि दूध पीने के बाद दूध फेफड़ों तक पहुंच गया, जिससे इस बच्चे की मौत हुई थी. हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि आज दो बच्चों की मौत हुई है.
ये मौत का हॉस्पिटल है: जीतू पटवारी
अस्पताल की लापरवाही इसमें सरासर देखी जा सकती है, जहां पिछले छह दिनों में 20 से अधिक बच्चों की लापरवाही के चलते मौत हुई है. कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी का कहना है कि एमडीएच अस्पताल सर्व सुविधा युक्त अस्पताल है बावजूद इसके इसमें नवजात शिशु की मौत पर बड़ा सवाल उठ रहा है, प्रशासन और शासन किस तरह से यहां अस्पताल में सुविधा उपलब्ध करा रहा है. ये मौत का हॉस्पिटल है. हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि शिशु का वजन काफी कम था और कमजोर भी था उसे जिसके चलते फील्डिंग के दौरान बच्चे की श्वास नली में दूध जाने के चलते उसकी मौत हो गई.
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अस्पताल अधीक्षक पीएस ठाकुर का कहना है कि फिलहाल बच्चों की मौत का आंकड़ा जो सोशल मीडिया पर चल रहा है वह भ्रामक है. रहा सवाल बच्चे की मौत का तो हम खुद चाहते हैं कि इसकी जांच हो और पोस्टमार्टम में इसका खुलासा हो लेकिन यह बच्चे के माता-पिता तय करेंगे उनको इस तरह से जांच कराना है. 6 दिन में 20 बच्चों की मौत हुई है लेकिन कारण सामान्य मौत है.
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