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अशोकनगर में 131 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ी ट्रेन, खुशी से उछलने लगे रेलवे अफसर

Ashoknagar to Kanjia Piprai Railway: अशोकनगर में कंजिया पिपरई रेलवे मार्ग पर डबल लाइन हुई शुरू. अब बीना से कोटा तक डबल लाइन पूरी तरह से तैयार हो गई है. इस पर ट्रेन 131 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से ट्राई लिया गया, जिसके बाद 110 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेन चलाने की अनुमति भी […]
Train ran 130 km Ashoknagar railway officers jumping with joy

Ashoknagar to Kanjia Piprai Railway: अशोकनगर में कंजिया पिपरई रेलवे मार्ग पर डबल लाइन हुई शुरू. अब बीना से कोटा तक डबल लाइन पूरी तरह से तैयार हो गई है. इस पर ट्रेन 131 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से ट्राई लिया गया, जिसके बाद 110 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेन चलाने की अनुमति भी अधिकारियों द्वारा दे दी गई है. बता दें कि 2012 में स्वीकृत हुई यह योजना अब पूर्ण रूप से तैयार कर ली गई है. कंजिया पिपरई मार्ग अशोकनगर जिले में बचा हुआ था उसको भी पूर्णरूप से तैयार कर लिया गया.

रेल संरक्षा आयुक्त (CRS) ने इस लाइन का बारीकी से निरीक्षण किया उन्होंने कंजिया से पिपरई तक के बीच में बनाई हुई दूसरी लाइन को चेक किया. सुबह से लेकर शाम तक लगातार सीआरएस मनोज अरोरा व उनकी टीम रेलवे ट्रैक पर ट्रॉली के माध्यम से चेक करते हुए देखे गए. मनोज अरोरा ने बताया कि हमने इस ट्रैक पर 131 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रायल लिया और 110 किलोमीटर की रफ्तार पर ट्रेन चलाने की अनुमति दी गई है, जो इस लाइन की सबसे तेज रफ्तार है, क्योंकि पूर्व में बीना से कोटा के बीच में डाली गई कुछ लाइन पर 90 किलोमीटर की रफ्तार की अनुमति दी गई थी.

26 किलोमीटर लाइन का किया गया दोहरीकरण
रेलवे ने कंजिया से पिपरई तक 26 किलोमीटर हिस्से में लाइन का दोहरीकरण नॉन इंटरलॉकिंग कार्य करने के लिए 22 ट्रेनों को 16 दिन के लिए गुना से बीना के बीच बंद कर दिया गया था. इस रूट पर सिर्फ रात के समय चार ट्रेनें ही चलाई जा रही थीं. अब जो की लाइन का कार्य पूर्ण हो चुका है तो 22 जनवरी से रूट पर सभी ट्रेनें फिर से शुरू की जाएंगी, जिससे यात्रियों को ट्रेन की सुविधा मिल सकेगी. बता दें कि जो कार्य किया गया है उसमें बेतवा नदी के पुल सहित दो बड़े पुल 14 छोटे पुल 4 आरयूवी, सहित एक पार्क का निर्माण भी किया गया है.

खास बातें
127 साल पहले जयाजीराव सिंधिया ने बीना से बारां तक के लिए रेलवे ट्रैक तैयार कराया था, जिसे बाद में कोटा तक बढ़ा दिया गया. जब पहली बार रेललाइन का निर्माण हुआ तो इस पर मुंगावली, पछार जो कि वर्तमान में अशोकनगर हैं और गुना स्टेशन बनाए गए थे. स्टीम इंजन को पानी भरने के लिए ओर स्टेशन भी बनाया गया था. सरकार ने इस रेलवे ट्रैक को 127 साल बाद डबल लाइन में तब्दील कर दिया है. इससे अब बीना से कोटा तक ट्रेन डबल लाइन पर दौड़ेगी लाइन दोहरीकरण के दौरान जिले में कंजिया मुंगावली पिपरई में प्लेटफार्म व स्टेशन भवन का निर्माण किया गया. बीना से अशोकनगर के बीच की सभी स्टेशनों पर वाटर बूथ, अशोकनगर, मुंगावली पिपरई रेहटवास पर एफओबी का निर्माण किया गया है, बेतवा नदी के पुल सहित अन्य पुल पुलियों का निर्माण भी किया गया.

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