Unique Wedding in MP: शादियों को यादगार और अनूठा बनाने के लिए लोग कई तरह के जतन करते हैं और करोड़ों रुपये खर्च कर देते हैं, लेकिन ऐसी अनूठी शादी कोई वेडिंग प्लानर भी नहीं सोच सकता, जो खंडवा के एक अस्पताल में हुई. तीन दिन पहले एक दुर्घटना में लड़की घायल हो गई, हाथ-पैर दोनों में फ्रैक्चर के चलते अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. इधर, मुहूर्त के चलते शादी भी टाली नहीं जा सकती थी, फिर दोनों पक्षों ने अस्पताल में ही शादी की रस्म पूरा करने का निर्णय लिया. जब अस्पताल प्रबंधन से इसकी अनुमति मांगी तो वे भी तत्काल तैयार हो गए. अस्पताल में अमूमन जहां दर्द से कराहते मरीजों की चीख-पुकार सुनाई देती है, वहां शहनाई की स्वर लहरियां सुकून ही देने वाली हैं.
मामला मध्य प्रदेश के खंडवा का है, जहां के माता चौक स्थित एक निजी अस्पताल का है, जहां यह अनूठी शादी हुई, जिसमें हॉस्पिटल का मेडिकल स्टॉफ अनोखी शादी में घराती-बाराती बनकर शामिल हुआ. यहां 13 फरवरी को शिवानी सोलंकी नामक युवती एक एक्सीडेंट में घायल होकर ईलाज के लिए भर्ती हो गई थी. उसके हाथ और पैर में गंभीर चोट की वजह से हड्डी में क्रेक आ गया था, जिसके चलते उसका ऑपरेशन करना पड़ा.
दुर्भाग्य ऐसा कि 16 फरवरी को जहां शिवानी को शादी मंडप में होना था, वहीं उसे ऑपरेशन थिएटर में जाना पड़ा, जहां उसका ऑपरेशन हुआ. ज़ाहिर तौर पर उस दिन तो शादी संभव नहीं थी, इस वजह से उज्जैन से आने वाली बारात भी रुक गई. ऑपरेशन होने के बाद जब शिवानी हॉल के बेड पर शिफ्ट हो गई, तब भी प्लास्टर होने की वज़ह से उसका चलना -फिरना संभव नहीं था. चूंकि शादी की हल्दी दूल्हा-दुल्हन दोनों को लग चुकी थी, इसलिए शादी को टाला नहीं जा सकता था इसलिए दोनों पक्षों ने 18 फरवरी को अस्पताल में ही सादगी से शादी की रस्म पूरी करने लिया.
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अस्पताल में दुल्हन का बेड ही बना मंडल
दूल्हे की मौसी ने बताया कि मेरी बहन का लड़का उज्जैन से शादी करने आया है, हम 16 तारीख को शादी करने वाले थे. पड़ावा क्षेत्र में धर्मशाला भी बुक की हुई थी, लेकिन लड़की का एक्सीडेंट होने कारण हमने न्यू लाईफ हॉस्पिटल में शादी कर रहे हैं. लड़की का एक्सीडेंट जुलवानिया में हुआ. जहां उसका एक हाथ और एक पैर बुरी तरह टूटा है. हम स्वयं उसे खंडवा के इस प्रायवेट हॉस्पिटल में लेकर आये. हम अभी ऐसी स्थिति कर रहे है. हमारी बेटी के साथ यदि ऐसा होता तो हमें कितना दुःख होता तो वह भी तो हमारी ही बेटी है. ऐसा व्यवहार सभी करें तो लड़कियों का जीवन सुधर जायेगा.
अस्पताल में दुल्हन के बेड के पास ही शादी का मंडप सजाया गया. शिवानी ने शादी का जोड़ा भी पहना और श्रृंगार भी किया. उसके बेड को भी सजाया गया. हाथ-पैर में प्लास्टर बंधा होने से वह बेड पर ही लेटी रही और शादी की रस्में पूरी की गईं.
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दूल्हे ने दुल्हन को गोद में उठाकर लिये फेरे
फेरे के वक्त दूल्हे राजेन्द्र चौधरी ने ने उसे गोद में उठाकर फेरे की रस्म पूरी की. इस दौरान अस्पताल का पूरा स्टाफ दूल्हा दुल्हन को आशीर्वाद देने के लिए उपस्थित था. अस्पताल प्रबंधन ने इस अनूठी शादी को लेकर सभी मरीजों और उनके परिजनों को मिठाई भी बांटी. 13 तारीख को ये दुर्घटना घटना हुई है, 16 तारीख को शादी थी. शादी करने बजाय हम पहले उसे अस्पताल लाये और यहां एडमिट कराया. आज उसकी शादी की रस्म पूरी कर रहे है. वो जब तक पूरी तरह ठीक नहीं होगी यहीं रहेगी. हर लड़की वालों या लड़के वालों को ऐसा व्यवहार करना चाहिये कोई लड़की देने में जरा भी डरे नहीं.
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