Khargone News: बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती से पहले खरगोन में जिले में एक दलित दंपती द्वारा उप सरपंच से प्रताड़ित होकर आत्महत्या की कोशिश का मामला सामने आया है. आदिवासी पति-पत्नी दोनों ने जहर पी लिया, इसके बाद उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. फिलहाल पुलिस इस मामले की पड़ताल कर रही है.
ये घटना खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 7 किलोमीटर दूर मेनगांव थाने के उबदी गांव की है. जहां पति पत्नि ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या की कोशिश की. 32 वर्षीय जितेन्द्र भालसे और 25 वर्षीय पत्नि रीना भालसे ने गुरूवार की रात को कीटनाशक पी लिया. उनके पास से एक सुसाइ़ड नोट बरामद किया गया है.
दोनों की हालत गंभीर
पति-पत्नी ने कीटनाशक पीकर जान देने कोशिश की. दोनों को पहले इलाज के लिए खरगोन के अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसके बाद हालत गंभीर होने पर इंदौर रेफर किया गया. आदिवासी दंपति ने आत्महत्या की कोशिश से पहले एक सुसाइड नोट लिखा. , जिसमें आत्महत्या के लिए गांव के उप सरपंच को जिम्मेदार ठहराया गया है, उसके ऊपर प्रताड़ना और मारपीट के आरोप लगाए गए हैं. फरियादियों ने उप सरपंच के खिलाफ एससी एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग की है.
जमीनी विवाद का मामला
इस आदिवासी दंपति ने उबदी गांव के उपसरपंच महेन्द्र पाटीदार सहित पांच अन्य लोगों के ऊपर धमकाने का आरोप लगाया है. उबदी गांव की इस घटना के संज्ञान में आते ही मेनगांव पुलिस जांच में जुट गई है. बताया जा रहा है कि जीतेन्द्र भालसे और पंचायत के उप सरपंच के बीच विवाद चल रहा था. जानकारी के मुताबिक ये विवाद जमीन से जुड़ा हुआ था. जीतेंद्र की जमीन पर पंचायत कोई भवन बनाना चाहती थी, इसी को लेकर विवाद शुरू हुआ था.
फरियादी ने सुसाइड नोट में उप सरपंच के ऊपर मकान हथियाने का आरोप लगाया. जीतेंद्र ने लिखा कि उप सरपंच महेंद्र पाटीदार को कड़ी सजा दी जाए और उसके बच्चों को न्याय मिले. जीतेंद्र ने सुसाइड नोट में धमकी देना, मारपीट, गाली गलौच करना और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने समेत कई आरोप लगाए हैं.
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