Madhya Pradesh: केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर एक बार फिर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में हैं. नरेंद्र सिंह तोमर ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए उन्हें छोटी बुद्धि वाला बताया. वे इंदौर में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे. इसी दौरान तोमर ने कहा कि राहुल गांधी की उम्र बढ़ गई है पर बुध्दि नहीं बड़ी है. उन्होंने कहा कि राहुल ने गलत बोला था उसकी सजा मिली है. उन्होंने कांग्रेस और गांधी परिवार पर जमकर हमला बोला.
कमलनाथ ने कहा कि कुछ भाजपा नेता और विधायक उनके संपर्क में हैं, इस पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी को मुंगेरीलाल जी के आसीन सपने देखने का हक है. सामान्य तौर पर नाराजगी जैसा कुछ नहीं होता है. सबका सुझाव अलग-अलग होता है. सारे सुझावों को एकजुट करके रणनीति का निर्माण करने से ही विजय मिलती है.
भाजपा नए चेहरों को देती है मौका
नए चेहरों को भाजपा हमेशा मौका देती रही है. हम भी उसी में से निकलकर आए हैं. भारत सशक्त राष्ट्र है, भारत दुनिया में आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है. जब आजादी को सौ साल होंगे, तब विकसित राष्ट्र की यात्रा नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरी हो. इस दौरान भाजपा महासचिव कैलाश जोशी द्वारा महिलाओं के पहनावे के ऊपर दिए बयान पर सवाल करने पर कृषि मंत्री ने कोई जवाब नहीं दिया और किनारा करके चल दिए.
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राहुल को करना चाहिए आत्ममंथन
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कांग्रेस या कांग्रेस के साथ के दलों के लोकतंत्र का कोई भरोसा नहीं बचा है. कांग्रेस और उसके सहयोगी दल को लोकतंत्र पर भरोसा नहीं है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि राहुल गांधी की उम्र बढ़ गई है पर बुध्दि नहीं बड़ी है. राहुल ने गलत बोला था उसकी सजा मिली है. इसमें भाजपा बीच में कहां आ गई. नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि उनको अपना पक्ष रखना था, लेकिन उन्होंने अपनी दलीलें नहीं दी और कोर्ट ने सजा सुना दी. राहुल गांधी को आत्ममंथन करना चाहिए.
कोर्ट में नहीं गांधी परिवार का भरोसा
कांग्रेस के लोग गांधी परिवार को संविधान से ऊपर मानते है खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे वाली बात हो गई है. ये आजाद भारत है, संविधान सब से बड़ा है. गांधी परिवार और कांग्रेस के लोग ये चाहते हैं कि संविधान से ऊपर कानून बने जिससे उनको सुरक्षा कवच दिया जा सके. उन्होंने कहा कि संविधान से ऊपर कोई भी कानून नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि कोर्ट पर गांधी परिवार और नेहरू परिवार का भरोसा नहीं है. अगर फैसला उनके पक्ष में हो तो कोर्ट अच्छा है और अगर पक्ष में न हो तो कोर्ट बुरा है.
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