विदिशा: 70 फुट गहरे बोरवेल में फंसा लोकेश अब सिर्फ 4 फीट दूर, NDRF ने सुरंग बनाने का काम किया शुरू
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Vidisha News: मध्यप्रदेश के विदिशा में बीते मंगलवार को सुबह 11 बजे 7 साल का मासूम लोकेश खेत में बने बोरवेल में गिर गया था. बंदरों का पीछा करते-करते लोकेश बोरवेल में जा गिरा था. तभी से रेसक्यू ऑपरेशन लगातार जारी है. लगातार खुदाई करते-करते एनडीआरएफ की टीम लोकेश से अब सिर्फ 4 फीट दूर रह गई है. पोकलेन मशीन का काम लगभग पूरा हो चुका है और अब लोकेश तक पहुंचने के लिए एनडीआरएफ की टीम ने बोरवेल के पास में ही सुरंग बनाने का काम शुरू कर दिया है. यह रेसक्यू ऑपरेशन विदिशा जिले के लटेरी तहसील के खेर-खेड़ी गांव में चल रहा है.
लोकेश को बोरवेल में गिरे हुए अब पूरे 21 घंटे बीत चुके हैं. मौके पर मौजूद अधिकारियों ने बताया कि दो घंटे पहले तक लोकेश में मूवमेंट देखी गई है. लोकेश को सकुशल बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ की टीम लगातार प्रयास कर रही है. 7 साल के लोकेश को लगातार ऑक्सीजन पाइप के जरिए दी जा रही है. माता-पिता के जरिए लोकेश से बात भी की जा रही है.
एनडीआरएफ द्वारा अब लोकेश के काफी नजदीक पहुंच चुके हैं. सुरंग बनाने का काम शुरू हो चुका है. लोकेश भले ही सिर्फ 4 फीट दूर नजर आ रहा है लेकिन उस तक पहुंचने के लिए सुरंग को खाेदना पड़ेगा, तभी रेसक्यू ऑपरेशन में लगी टीम लोकेश तक पहुंच पाएगी. अभी तक मासूम लोकेश साहस के साथ इस मुश्किल का सामना कर रहा है. रेसक्यू ऑपरेशन कर रहे अधिकारियों को भी चिंता है कि अब जल्द से जल्द सुरंग बनाने का काम पूरा हो, जिससे लोकेश तक पहुंचा जा सके.
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अभी भी दो से तीन घंटे और लग सकते हैं
रेसक्यू ऑपरेशन में लगे हुए अधिकारियों ने बताया कि लोकेश जरूर 4 फीट दूर रह गया है लेकिन सुरंग बनाकर उस तक पहुंचने में एनडीआरएफ की टीम को अभी भी दो से तीन घंटे का समय और लग सकता है. टीम के प्रयास लगातार जारी हैं. मौके पर कलेक्टर, कमिश्नर, आईजी से लेकर स्थानीय विधायक तक पहुंचे. खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करके लोकेश के रेसक्यू ऑपरेशन की जानकारी प्रदेश को दी. लोकेश के सकुशल बाहर आने के लिए गांव में प्रार्थनाओं का दौर भी जारी है. सभी को उम्मीद है कि लोकेश सकुशल बाहर आएगा.
70 फीट गहरा है बोरवेल, पूरी ताकत से हो रहा है रेसक्यू
ग्रामीणों का कहना है बोरवेल की गहराई 60 से 70 फिट है. प्रशासन ने 6 जेसीबी मशीनें और पाेकलेन की मदद से रेस्क्यू शुरू किया था. 22 गैस सिलेंडर, 6 जेसीबी पोकलेन मशीन, डंपर इस रेसक्यू ऑपरेशन में इस्तेमाल किए जा रहे हैं. घटनास्थल पर चाइल्ड विशेषज्ञ से लेकर सारे डॉक्टर्स की टीम मौजूद हैं. कलेक्टर लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं. बारिश होने की स्थिति में टेंट से लेकर लाइटिंग तक की व्यवस्था घटनास्थल पर की गई है.
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