Old Pension Scheme: मध्य प्रदेश में चुनावी साल के बीच पुरानी पेंशन का मुद्दा गरमाया हुआ है. सरकारी कर्मचारी अन्य राज्यों की तर्ज पर प्रदेश में भी पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं. इसी क्रम में आज राजधानी में मंत्रालयीन कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली को लेकर प्रदर्शन किया. मंत्रालयीन कर्मचारियों ने सीएम और प्रमुख सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा.
हालांकि ये प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से किया जा रहा था. प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का कहना था कि मुख्यमंत्री बहुत संवेदनशील हैं, उन्होंने सभी वर्गों के लिए काम किया है और हमें भरोसा है कि वे इस दिशा में भी कदम उठाएंगे, हमारी पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली करेंगे. उन्होंने बताया कि आईएएस भी एनपीएस स्कीम में शामिल हैं, पुलिस अफसर भी शामिल हैं. ऐसे में मध्यप्रदेश के मंत्रालयीन कर्मचारी उन्हें भी आंदोलन में साथ आने का प्रस्ताव दे चुके हैं.
पुरानी पेंशन बहाली को लेकर प्रदर्शन
पुरानी पेंशन बहाली को लेकर आज राजधानी के मंत्रालयीन कर्मचारी सड़क पर उतर आए और प्रदर्शन किया. एनपीएस की टोपी और हाथों में तख्तियां लिए मंत्रालयीन कर्मचारियों ने वल्लभ भवन के गेट नंबर 6 से ‘पुरानी पेंशन बहाल करो’ की नारेबाजी करते हुए सामूहिक रैली निकाली, उसके बाद ज्ञापन सौंपा. कर्मचारियों का कहना था कि 2005 में पुरानी पेंशन योजना को बंद किया गया था. उसके बाद से जो कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं, उन्हें महज हजार पंद्रह सो रूपए की पेंशन मिल रही है, जो जीवन-यापन करने के लिए पर्याप्त नहीं है.
सरकार कर रही धोखा
पुरानी पेंशन स्कीम की मांग को लेकर प्रांतीय संरक्षक सुधीर नायक ने कहा कि सरकार कर्मचारियों के साथ धोखा कर रही है. पहले तो जीवनभर उनसे सेवा ली गई, उसके बाद जब सेवानिवृत्ति हुए, बुढ़ापे का समय आया तो उन्हें ऐसे ही छोड़ दिया गया. नायक ने सीएम शिवराज से आव्हान किया कि वह अन्य राज्यों की तर्ज पर मध्य प्रदेश में भी पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करें जिससे बुढ़ापे की लाठी पेंशनरों को मिल सके.
वहीं कमलनाथ के सरकार आने के बाद पेंशन बहाली के मुद्दे वाले बयान देते हुए नायक ने कहा कि यह कर्मचारियों का अधिकार है, इसका राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए. सरकार जो भी हो पुरानी पेंशन स्कीम को लागू कर कर्मचारियों को जीवन जीने की राह दे.
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